HOV
48. जहां उन का कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती।
ERVHI
48. जहाँ के कीड़े कभी नहीं मरते और जहाँ की आग कभी बुझती नहीं।
IRVHI
48. जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती। (यशा. 66:24)
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