HOV
22. और यदि तू अपने मन में सोचे कि ये बातें किस कारण मुझ पर पड़ी हैं, तो तेरे बड़े अधर्म के कारण तेरा आंचल उठाया गया है और तेरी एडिय़ां बरियाई से नंगी की गई हैं।
ERVHI
22. तुम अपने से पूछ सकते हो, “यह बुरी विपत्ति मुझ पर क्यों आई” ये विपत्तियाँ तुम्हारे अनेक पापों के कारण आई। तुम्हारे पापों के कारण तुम्हें निर्वस्त्र किया गया और जूते ले लिये गए। उन्होंने यह तुम्हें लज्जित करने को किया।
IRVHI
22. यदि तू अपने मन में सोचे कि ये बातें किस कारण मुझ पर पड़ी हैं, तो तेरे बड़े अधर्म के कारण तेरा आँचल उठाया गया है और तेरी एड़ियाँ बलपूर्वक नंगी की गई हैं।
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