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नहूम
हबक्कूक
सपन्याह
हाग्गै
जकर्याह
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मत्ती
मरकुस
लूका
यूहन्ना
प्रेरितों के काम
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गलातियों
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2 राजा 20
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2 राजा 20:0 (10 51 pm)
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2 राजा 20
1
उन
दिनों
में
हिजकिय्याह
ऐसा
रोगी
हुआ
कि
मरने
पर
था,
और
आमोस
के
पुत्र
यशायाह
भविष्यद्वक्ता
ने
उसके
पास
जा
कर
कहा,
यहोवा
यों
कहता
है,
कि
अपने
घराने
के
विषय
जो
आज्ञा
देनी
हो
वह
दे;
क्योंकि
तू
नहीं
बचेगा,
मर
जाएगा।
2
तब
उसने
भीत
की
ओर
मुंह
फेर,
यहोवा
से
प्रार्थना
कर
के
कहा,
हे
यहोवा!
3
मैं
बिन्ती
करता
हूँ,
स्मरण
कर,
कि
मैं
सच्चाई
और
खरे
मन
से
अपने
को
तेरे
सम्मुख
जान
कर
चलता
आया
हूँ;
और
जो
तुझे
अच्छा
तगता
है
वही
मैं
करता
आया
हूँ।
तब
हिजकिय्याह
बिलक
बिलक
कर
रोया।
4
और
ऐसा
हुआ
कि
यशायाह
नगर
के
बीच
तक
जाने
भी
न
पाया
था
कि
यहोवा
का
यह
वचन
उसके
पास
पहुंचा,
5
कि
लौटकर
मेरी
प्रजा
के
प्रधान
हिजकिय्याह
से
कह,
कि
तेरे
मूलपुरुष
दाऊद
का
परमेश्वर
यहोवा
यों
कहता
है,
कि
मैं
ने
तेरी
प्रार्थना
सुनी
और
तेरे
आंसू
देखे
हैं;
देख,
मैं
तुझे
चंगा
करता
हूँ;
परसों
तू
यहोवा
के
भवन
में
जा
सकेगा।
6
और
मैं
तेरी
आयु
पन्द्रह
वर्ष
और
बढ़ा
दूंगा।
और
अश्शूर
के
राजा
के
हाथ
से
तुझे
और
इस
नगर
को
बचाऊंगा,
और
मैं
अपने
निमित्त
और
अपने
दास
दाऊद
के
निमित्त
इस
नगर
की
रक्षा
करूंगा।
7
तब
यशायाह
ने
कहा,
अंजीरों
की
एक
टिकिया
लो।
जब
उन्होंने
उसे
ले
कर
फोड़े
पर
बान्धा,
तब
वह
चंगा
हो
गया।
8
हिजकिय्याह
ने
यशायाह
से
पूछा,
यहोवा
जो
मुझे
चंगा
करेगा
और
मैं
परसों
यहोवा
के
भवन
को
जा
सकूंगा,
इसका
क्या
चिन्ह
होगा?
9
यशायाह
ने
कहा,
यहोवा
जो
अपने
कहे
हुए
वचन
को
पूरा
करेगा,
इस
बात
का
यहोवा
की
ओर
से
तेरे
लिये
यह
चिन्ह
होगा,
कि
धूपघड़ी
की
छाया
दस
अंश
आगे
बढ़
जाएगी,
व
दस
अंश
घट
जाएगी।
10
हिजकिय्याह
ने
कहा,
छाया
का
दस
अंश
आगे
बढ़ना
तो
हलकी
बात
है,
इसलिए
ऐसा
हो
कि
छाया
दस
अंश
पीछे
लौट
जाए।
11
तब
यशायाह
भविष्यद्वक्ता
ने
यहोवा
को
पुकारा,
और
आहाज
की
घूपघड़ी
की
छाया,
जो
दस
अंश
ढल
चुकी
थी,
यहोवा
ने
उसको
पीछे
की
ओर
लौटा
दिया।
12
उस
समय
बलदान
का
पुत्र
बरोदकबलदान
जो
बाबेल
का
राजा
था,
उसने
हिजकिय्याह
के
रोगी
होने
की
चर्चा
सुन
कर,
उसके
पास
पत्री
और
भेंट
भेजी।
13
उनके
लाने
वालों
की
मान
कर
हिजकिय्याह
ने
उन
को
अपने
अनमोल
पदार्थों
का
सब
भण्डार,
और
चान्दी
और
सोना
और
सुगन्ध
द्रव्य
और
उत्तम
तेल
और
अपने
हथियारों
का
पूरा
घर
और
अपने
भण्डारों
में
जो
जो
वस्तुएं
थीं,
वे
सब
दिखाई;
हिजकिय्याह
के
भवन
और
राज्य
भर
में
कोई
ऐसी
वस्तु
न
रही,
जो
उसने
उन्हें
न
दिखाई
हो।
14
तब
यशायाह
भविष्यद्वक्ता
ने
हिजकिय्याह
राजा
के
पास
जा
कर
पुछा,
वे
मनुष्य
क्या
कह
गए?
और
कहां
से
तेरे
पास
आए
थे?
हिजकिय्याह
ने
कहा,
वे
तो
दूर
देश
से
अर्थात
बाबेल
से
आए
थे।
15
फिर
उसने
पूछा,
तेरे
भवन
में
उन्होंने
क्या
क्या
देखा
है?
हिजकिय्याह
ने
कहा,
जो
कुछ
मेरे
भवन
में
है,
वह
सब
उन्होंने
देखा।
मेरे
भण्डारों
में
कोई
ऐसी
वस्तु
नहीं,
जो
मैं
ने
उन्हें
न
दिखाई
हो।
16
यशायाह
ने
हिजकिय्याह
से
कहा,
यहोवा
का
वचन
सुन
ले।
17
ऐसे
दिन
आने
वाले
है,
जिन
में
जो
कुछ
तेरे
भवन
में
हैं,
और
जो
कुछ
तेरे
पुरखाओं
का
रखा
हुआ
आज
के
दिन
तक
भण्डारों
में
है
वह
सब
बाबेल
को
उठ
जाएगा;
यहोवा
यह
कहता
है,
कि
कोई
वस्तु
न
बचेगी।
18
और
जो
पुत्र
तेरे
वंश
में
उत्पन्न
हों,
उन
में
से
भी
कितनों
को
वे
बन्धुआई
में
ले
जाएंगे;
और
वे
खोजे
बन
कर
बाबेल
के
राजभवन
में
रहेंगे।
19
हिजकिय्याह
ने
यशायाह
से
कहा,
यहोवा
का
वचन
जो
तू
ने
कहा
है,
वह
भला
ही
है,
फिर
उसने
कहा,
क्या
मेरे
दिनों
में
शांति
और
सच्चाई
बनी
न
रहेंगी?
20
हिजकिय्याह
के
और
सब
काम
और
उसकी
सारी
वीरता
और
किस
रीति
उसने
एक
पोखरा
और
नाली
खुदवा
कर
नगर
में
पानी
पहुंचा
दिया,
यह
सब
क्या
यहूदा
के
राजाओं
के
इतिहास
की
पुस्तक
में
नहीं
लिखा
है?
21
निदान
हिजकिय्याह
अपने
पुरखाओं
के
संग
सो
गया
और
उसका
पुत्र
मनश्शे
उसके
स्थान
पर
राज्य
करने
लगा।
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