पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता 112:1

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भजन संहिता 112:1

1
याह की स्तुति करो। क्या ही धन्य है वह पुरूष जो यहोवा का भय मानता है, और उसकी आज्ञाओं से अति प्रसन्न रहता है!
2
उसका वंश पृथ्वी पर पराक्रमी होगा; सीधे लोगों की सन्तान आशीष पाएगी।
3
उसके घर में धन सम्पत्ति रहती है; और उसका धर्म सदा बना रहेगा।
4
सीधे लोगों के लिये अन्धकार के बीच में ज्योति उदय होती है; वह अनुग्रहकारी, दयावन्त और धर्मी होता है।
5
जो पुरूष अनुग्रह करता और उधार देता है, उसका कल्याण होता है, वह न्याय में अपने मुकद्दमें को जीतेगा।
6
वह तो सदा तक अटल रहेगा; धर्मी का स्मरण सदा तक बना रहेगा।
7
वह बुरे समाचार से नहीं डरता; उसका हृदय यहोवा पर भरोसा रखने से स्थिर रहता है।
8
उसका हृदय सम्भला हुआ है, इसलिये वह डरेगा, वरन अपने द्रोहियों पर दृष्टि करके सन्तुष्ट होगा।
9
उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा और उसका सींग महिमा के साथ ऊंचा किया जाएगा।
10
दुष्ट उसे देख कर कुढेगा; वह दांत पीस- पीसकर गल जाएगा; दुष्टों की लालसा पूरी होगी॥
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