पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता 127:1

Notes

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भजन संहिता 127:1

1
यदि घर को यहोवा बनाए, तो उसके बनाने वालों को परिश्रम व्यर्थ होगा। यदि नगर की रक्षा यहोवा करे, तो रखवाले का जागना व्यर्थ ही होगा।
2
तुम जो सवेरे उठते और देर करके विश्राम करते और दु:ख भरी रोटी खाते हो, यह सब तुम्हारे लिये व्यर्थ ही है; क्योंकि वह अपने प्रियों को यों ही नींद दान करता है॥
3
देखे, लड़के यहोवा के दिए हुए भाग हैं, गर्भ का फल उसकी ओर से प्रतिफल है।
4
जैसे वीर के हाथ में तीर, वैसे ही जवानी के लड़के होते हैं।
5
क्या ही धन्य है वह पुरूष जिसने अपने तर्कश को उन से भर लिया हो! वह फाटक के पास शत्रुओं से बातें करते संकोच करेगा॥
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