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हबक्कूक
सपन्याह
हाग्गै
जकर्याह
मलाकी
नई टैस्टमैंट
मत्ती
मरकुस
लूका
यूहन्ना
प्रेरितों के काम
रोमियो
1 कुरिन्थियों
2 कुरिन्थियों
गलातियों
इफिसियों
फिलिप्पियों
कुलुस्सियों
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2 थिस्सलुनीकियों
1 तीमुथियुस
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तीतुस
फिलेमोन
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याकूब
1 पतरस
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अधिक
सभोपदेशक 5:10
उत्पत्ति
निर्गमन
लैव्यवस्था
गिनती
व्यवस्थाविवरण
यहोशू
न्यायियों
रूत
1 शमूएल
2 शमूएल
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योना
मीका
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मरकुस
लूका
यूहन्ना
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रोमियो
1 कुरिन्थियों
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गलातियों
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फिलिप्पियों
कुलुस्सियों
1 थिस्सलुनीकियों
2 थिस्सलुनीकियों
1 तीमुथियुस
2 तीमुथियुस
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सभोपदेशक 5:10 (10 32 am)
हमारे बारे में
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सभोपदेशक 5:10
1
जब
तू
परमेश्वर
के
भवन
में
जाए,
तब
सावधानी
से
चलना;
सुनने
के
लिये
समीप
जाना
मूर्खों
के
बलिदान
चढ़ाने
से
अच्छा
है;
क्योंकि
वे
नहीं
जानते
कि
बुरा
करते
हैं।
2
बातें
करने
में
उतावली
न
करना,
और
न
अपने
मन
से
कोई
बात
उतावली
से
परमेश्वर
के
साम्हने
निकालना,
क्योंकि
परमेश्वर
स्वर्ग
में
हैं
और
तू
पृथ्वी
पर
है;
इसलिये
तेरे
वचन
थोड़े
ही
हों॥
3
क्योंकि
जैसे
कार्य
की
अधिकता
के
कारण
स्वप्न
देखा
जाता
है,
वैसे
ही
बहुत
सी
बातों
का
बोलने
वाला
मूर्ख
ठहरता
है।
4
जब
तू
परमेश्वर
के
लिये
मन्नत
माने,
तब
उसके
पूरा
करने
में
विलम्ब
न
करना;
क्यांकि
वह
मूर्खों
से
प्रसन्न
नहीं
होता।
जो
मन्नत
तू
ने
मानी
हो
उसे
पूरी
करना।
5
मन्नत
मान
कर
पूरी
न
करने
से
मन्नत
का
न
मानना
ही
अच्छा
है।
6
कोई
वचन
कहकर
अपने
को
पाप
में
ने
फंसाना,
और
न
ईश्वर
के
दूत
के
साम्हने
कहना
कि
यह
भूल
से
हुआ;
परमेश्वर
क्यों
तेरा
बोल
सुन
कर
अप्रसन्न
हो,
और
तेरे
हाथ
के
कार्यों
को
नष्ट
करे?
7
क्योंकि
स्वप्नों
की
अधिकता
से
व्यर्थ
बातों
की
बहुतायत
होती
है:
परन्तु
तू
परमेश्वर
को
भय
मानना॥
8
यदि
तू
किसी
प्रान्त
में
निर्धनों
पर
अन्धेर
और
न्याय
और
धर्म
को
बिगड़ता
देखे,
तो
इस
से
चकित
न
होना;
क्योंकि
एक
अधिकारी
से
बड़ा
दूसरा
रहता
है
जिसे
इन
बातों
की
सुधि
रहती
है,
और
उन
से
भी
ओर
अधिक
बड़े
रहते
हैं।
9
भूमि
की
उपज
सब
के
लिये
है,
वरन
खेती
से
राजा
का
भी
काम
निकलता
है।
10
जो
रूपये
से
प्रीति
रखता
है
वह
रूपये
से
तृप्त
न
होगा;
और
न
जो
बहुत
धन
से
प्रीति
रखता
है,
लाभ
से:
यह
भी
व्यर्थ
है।
11
जब
सम्पत्ति
बढ़ती
है,
तो
उसके
खाने
वाले
भी
बढ़ते
हैं,
तब
उसके
स्वामी
को
इसे
छोड़
और
क्या
लाभ
होता
है
कि
उस
सम्पत्ति
को
अपनी
आंखों
से
देखे?
12
परिश्रम
करने
वाला
चाहे
थोड़ा
खाए,
था
बहुत,
तौभी
उसकी
नींद
सुखदाई
होती
है;
परन्तु
धनी
के
धन
के
बढ़ने
के
कारण
उसको
नींद
नहीं
आती।
13
मैं
ने
धरती
पर
एक
बड़ी
बुरी
बला
देखी
है;
अर्थात
वह
धन
जिसे
उसके
मालिक
ने
अपनी
ही
हानि
के
लिये
रखा
हो,
14
और
वह
किसी
बुरे
काम
में
उड़
जाता
है;
और
उसके
घर
में
बेटा
उत्पन्न
होता
है
परन्तु
उसके
हाथ
मे
कुछ
नहीं
रहता।
15
जैसा
वह
मां
के
पेट
से
निकला
वैसा
ही
लौट
जाएगा;
नंगा
ही,
जैसा
आया
था,
और
अपने
परिश्रम
के
बदले
कुछ
भी
न
पाएगा
जिसे
वह
अपने
हाथ
में
ले
जा
सके।
16
यह
भी
एक
बड़ी
बला
है
कि
जैसा
वह
आया,
ठीक
वैसा
ही
वह
जाएगा;
उसे
उस
व्यर्थ
परिश्रम
से
और
क्या
लाभ
है?
17
केवल
इसके
कि
उसने
जीवन
भर
बेचैनी
से
भोजन
किया,
और
बहुत
ही
दु:खित
और
रोगी
रहा
और
क्रोध
भी
करता
रहा?
18
सुन,
जो
भली
बात
मैं
ने
देखी
है,
वरन
जो
उचित
है,
वह
यह
कि
मनुष्य
खाए
और
पीए
और
अपने
परिश्रम
से
जो
वह
धरती
पर
करता
है,
अपनी
सारी
आयु
भर
जो
परमेश्वर
ने
उसे
दी
है,
सुखी
रहे:
क्योंकि
उसका
भाग
यही
है।
19
वरन
हर
एक
मनुष्य
जिसे
परमेश्वर
ने
धन
सम्पत्ति
दी
हो,
और
उन
से
आनन्द
भोगने
और
उस
में
से
अपना
भाग
लेने
और
परिश्रम
करते
हुए
आनन्द
करने
को
शक्ति
भी
दी
हो-
यह
परमेश्वर
का
वरदान
है।
20
इस
जीवन
के
दिन
उसे
बहुत
स्मरण
न
रहेंगे,
क्योंकि
परमेश्वर
उसकी
सुन
सुनकर
उसके
मन
को
आनन्दमय
रखता
है॥
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