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मीका
नहूम
हबक्कूक
सपन्याह
हाग्गै
जकर्याह
मलाकी
नई टैस्टमैंट
मत्ती
मरकुस
लूका
यूहन्ना
प्रेरितों के काम
रोमियो
1 कुरिन्थियों
2 कुरिन्थियों
गलातियों
इफिसियों
फिलिप्पियों
कुलुस्सियों
1 थिस्सलुनीकियों
2 थिस्सलुनीकियों
1 तीमुथियुस
2 तीमुथियुस
तीतुस
फिलेमोन
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यशायाह 59:3
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रूत
1 शमूएल
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हाग्गै
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मलाकी
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मरकुस
लूका
यूहन्ना
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रोमियो
1 कुरिन्थियों
2 कुरिन्थियों
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1 थिस्सलुनीकियों
2 थिस्सलुनीकियों
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यशायाह 59:3 (06 18 am)
हमारे बारे में
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यशायाह 59:3
1
सुनो,
यहोवा
का
हाथ
ऐसा
छोटा
नहीं
हो
गया
कि
उद्धार
न
कर
सके,
न
वह
ऐसा
बहिरा
हो
गया
है
कि
सुन
न
सके;
2
परन्तु
तुम्हारे
अधर्म
के
कामों
ने
तुम
को
तुम्हारे
परमेश्वर
से
अलग
कर
दिया
है,
और
तुम्हारे
पापों
के
कारण
उस
का
मुँह
तुम
से
ऐसा
छिपा
है
कि
वह
नहीं
सुनता।
3
क्योंकि
तुम्हारे
हाथ
हत्या
से
और
तुम्हारी
अंगुलियां
अधर्म
के
कर्मों
से
अपवित्र
हो
गईं
हैं;
तुम्हारे
मुंह
से
तो
झूठ
और
तुम्हारी
जीभ
से
कुटिल
बातें
निकलती
हैं।
4
कोई
धर्म
के
साथ
नालिश
नहीं
करता,
न
कोई
सच्चाई
से
मुकद्दमा
लड़ता
है;
वे
मिथ्या
पर
भरोसा
रखते
हैं
और
झूठ
बातें
बकते
हैं,
उसको
मानो
उत्पात
का
गर्भ
रहता,
और
वे
अनर्थ
को
जन्म
देते
हैं।
5
वे
सांपिन
के
अण्डे
सेते
और
मकड़ी
के
जाले
बनाते
हैं;
जो
कोई
उनके
अण्डे
खाता
वह
मर
जाता
है,
और
जब
कोई
एक
को
फोड़ता
तब
उस
में
से
सपोला
निकलता
है।
6
उनके
जाले
कपड़े
का
काम
न
देंगे,
न
वे
अपने
कामों
से
अपने
को
ढाप
सकेंगे।
क्योंकि
उनके
काम
अनर्थ
ही
के
होते
हैं,
और
उनके
हाथों
से
अपद्रव
का
काम
होता
है।
7
वे
बुराई
करने
को
दौड़ते
हैं,
और
निर्दोष
की
हत्या
करने
को
तत्पर
रहते
हैं;
उनकी
युक्तियां
व्यर्थ
हैं,
उजाड़
और
विनाश
ही
उनके
मार्गों
में
हैं।
8
शान्ति
का
मार्ग
वे
जानते
ही
नहीं
और
न
उनके
व्यवहार
में
न्याय
है;
उनके
पथ
टेढ़े
हैं,
जो
कोई
उन
पर
चले
वह
शान्ति
न
पाएगा॥
9
इस
कारण
न्याय
हम
से
दूर
है,
और
धर्म
हमारे
समीप
ही
नहीं
आता
हम
उजियाले
की
बाट
तो
जोहते
हैं,
परन्तु,
देखो
अन्धियारा
ही
बना
रहता
है,
हम
प्रकाश
की
आशा
तो
लगाए
हैं,
परन्तु,
घोर
अन्धकार
ही
में
चलते
हैं।
10
हम
अन्धों
के
समान
भीत
टटोलते
हैं,
हां,
हम
बिना
आंख
के
लोगों
की
नाईं
टटोलते
हैं;
हम
दिन-दोपहर
रात
की
नाईं
ठोकर
खाते
हैं,
हृष्ट-पुष्टों
के
बीच
हम
मुर्दों
के
समान
हैं।
11
हम
सब
के
सब
रीछों
की
नाईं
चिल्लाते
हैं
और
पण्डुकों
के
समान
च्यूं
च्यूं
करते
हैं;
हम
न्याय
की
बाट
तो
जोहते
हैं,
पर
वह
कहीं
नहीं;
और
उद्धार
की
बाट
जोहते
हैं
पर
वह
हम
से
दूर
ही
रहता
है।
12
क्योंकि
हमारे
अपराध
तेरे
साम्हने
बहुत
हुए
हैं,
हमारे
पाप
हमारे
विरुद्ध
साक्षी
दे
रहे
हैं;
हमारे
अपराध
हमारे
संग
हैं
और
हम
अपने
अधर्म
के
काम
जानते
हैं:
13
हम
ने
यहोवा
का
अपराध
किया
है,
हम
उस
से
मुकर
गए
और
अपने
परमेश्वर
के
पीछे
चलना
छोड़
दिया,
हम
अन्धेर
करने
लगे
और
उलट
फेर
की
बातें
कहीं,
हम
ने
झूठी
बातें
मन
में
गढ़ीं
और
कही
भी
हैं।
14
न्याय
तो
पीछे
हटाया
गया
और
धर्म
दूर
खड़ा
रह
गया;
सच्चाई
बाजार
में
गिर
पड़ी
और
सिधाई
प्रवेश
नहीं
करने
पाती।
15
हां,
सच्चाई
खोई,
और
जो
बुराई
से
भागता
है
सो
शिकार
हो
जाता
है॥
यह
देखकर
यहोवा
ने
बुरा
माना,
क्योंकि
न्याय
जाता
रहा,
16
उसने
देखा
कि
कोई
भी
पुरूष
नहीं,
और
इस
से
अचम्भा
किया
कि
कोई
बिनती
करने
वाला
नहीं;
तब
उसने
अपने
ही
भुजबल
से
उद्धार
किया,
और
अपने
धर्मी
होने
के
कारण
वह
सम्भल
गया।
17
उसने
धर्म
को
झिलम
की
नाईं
पहिन
लिया,
और
उसके
सिर
पर
उद्धार
का
टोप
रखा
गया;
उसने
पलटा
लेने
का
वस्त्र
धारण
किया,
और
जलजलाहट
को
बागे
की
नाईं
पहिन
लिया
है।
18
उनके
कर्मों
के
अनुसार
वह
उन
को
फल
देगा,
अपने
द्रोहियों
पर
वह
अपना
क्रोध
भड़काएगा
और
अपने
शत्रुओं
को
उनकी
कमाई
देगा;
वह
द्वीप
वासियों
को
भी
उनकी
कमाई
भर
देगा।
19
तब
पश्चिम
की
ओर
लोग
यहोवा
के
नाम
का,
और
पूर्व
की
ओर
उसकी
महिमा
का
भय
मानेंगे;
क्योंकि
जब
शत्रु
महानद
की
नाईं
चढ़ाई
करेंगे
तब
यहोवा
का
आत्मा
उसके
विरुद्ध
झण्डा
खड़ा
करेगा॥
20
और
याकूब
में
जो
अपराध
से
मन
फिराते
हैं
उनके
लिये
सिय्योन
में
एक
छुड़ाने
वाला
आएगा,
यहोवा
की
यही
वाणी
है।
21
और
यहोवा
यह
कहता
है,
जो
वाचा
मैं
ने
उन
से
बान्धी
है
वह
यह
है,
कि
मेरा
आत्मा
तुझ
पर
ठहरा
है,
और
अपने
वचन
जो
मैं
ने
तेरे
मुंह
में
डाले
हैं
अब
से
ले
कर
सर्वदा
तक
वे
मेरे
मुंह
से,
और,
तेरे
पुत्रों
और
पोतों
के
मुंह
से
भी
कभी
न
हटेंगे॥
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