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यिर्मयाह 12:1
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गिनती
व्यवस्थाविवरण
यहोशू
न्यायियों
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1 शमूएल
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योना
मीका
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हबक्कूक
सपन्याह
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लूका
यूहन्ना
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यिर्मयाह 12:1 (01 06 pm)
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यिर्मयाह 12:1
1
हे
यहोवा,
यदि
मैं
तुझ
से
मुक़द्दमा
लड़ूं,
तौभी
तू
धमीं
है;
मुझे
अपने
साथ
इस
विषय
पर
वादविवाद
करने
दे।
दुष्टों
की
चाल
क्यों
सफल
होती
है?
क्या
कारण
है
कि
विश्वासघाती
बहुत
सुख
से
रहते
हैं?
2
तू
उन
को
बोता
और
वे
जड़
भी
पकड़ते;
वे
बढ़ते
और
फलते
भी
हैं;
तू
उनके
मुंह
के
निकट
है
परन्तु
उन
के
मनों
से
दूर
है।
3
हे
यहोवा
तू
मुझे
जानता
है;
तू
मुझे
देखता
है,
और
तू
ने
मेरे
मन
की
परीक्षा
कर
के
देखा
कि
मैं
तेरी
ओर
किस
प्रकार
रहता
हूँ।
जैसे
भेड़-बकरियां
घात
होने
के
लिये
झुण्ड
में
से
निकाली
जाती
हैं,
वैसे
ही
उन
को
भी
निकाल
ले
और
वध
के
दिन
के
लिये
तैयार
कर।
4
कब
तक
देश
विलाप
करता
रहेगा,
और
सारे
मैदान
की
घास
सूखी
रहेगी?
देश
के
निवासियों
की
बुराई
के
कारण
पशु-पक्षी
सब
नाश
हो
गए
हैं,
क्योंकि
उन
लोगों
ने
कहा,
वह
हमारे
अन्त
को
न
देखेगा।
5
तू
जो
प्यादों
ही
के
संग
दौड़कर
थक
गया
है
तो
घोड़ों
के
संग
क्योंकर
बराबरी
कर
सकेगा?
और
यद्यपि
तू
शान्ति
के
इस
देश
में
निडर
है,
परन्तु
यरदन
के
आसपास
के
घने
जंगल
में
तू
क्या
करेगा?
6
क्योंकि
तेरे
भाई
और
तेरे
घराने
के
लोगों
ने
भी
तेरा
विश्वासघात
किया
है;
वे
तेरे
पीछे
ललकारते
हैं,
यदि
वे
तुझ
से
मीठी
बातें
भी
कहें,
तौभी
उनकी
प्रतीति
न
करना।
7
मैं
ने
अपना
घर
छोड़
दिया,
अपना
निज
भाग
मैं
ने
त्याग
दिया
है;
मैं
ने
अपनी
प्राणप्रिया
को
शत्रुओं
के
वश
में
कर
दिया
है।
8
क्योंकि
मेरा
निज
भाग
मेरे
देखने
में
वन
के
सिंह
के
समान
हो
गया
और
मेरे
विरुद्ध
गरजा
है;
इस
कारण
मैं
ने
उस
से
बैर
किया
है।
9
क्या
मेरा
निज
भाग
मेरी
दृष्टि
में
चित्ती
वाले
शिकारी
पक्षी
के
समान
नहीं
है?
क्या
शिकारी
पक्षी
चारों
ओर
से
उसे
घेरे
हुए
हैं?
जाओ
सब
जंगली
पशुओं
को
इकट्ठा
करो;
उन
को
लाओ
कि
खा
जाएं।
10
बहुत
से
चरवाहों
ने
मेरी
दाख
की
बारी
को
बिगाड़
कर
दिया,
उन्होंने
मेरे
भाग
को
लताड़ा,
वरन
मेरे
मनोहर
भाग
के
खेत
को
सुनसान
जंगल
बना
दिया
है।
11
उन्होंने
उसको
उजाड़
दिया;
वह
उजड़
कर
मेरे
साम्हने
विलाप
कर
रहा
है।
सारा
देश
उजड़
गया
है,
तौभी
कोई
नहीं
सोचता।
12
जंगल
के
सब
मुंडे
टीलों
पर
नाशक
चढ़
आए
हैं;
क्योंकि
यहोवा
की
तलवार
देश
के
एक
छोर
से
ले
कर
दूसरी
छोर
तक
निगलती
जाती
है;
किसी
मनुष्य
को
शांन्ति
नहीं
मिलती।
13
उन्होंने
गेहूं
तो
बोया,
परन्तु
कटीले
पेड़
काटे,
उन्होंने
कष्ट
तो
उठाया,
परन्तु
उस
से
कुछ
लाभ
न
हुआ।
यहोवा
के
क्रोध
के
भड़कने
के
कारण
तुम
अपने
खेतों
की
उपज
के
विषय
में
लज्जित
हो।
14
मेरे
दुष्ट
पड़ोसी
उस
भाग
पर
हाथ
लगाते
हैं,
जिसका
भागी
मैं
ने
अपनी
प्रजा
इस्राएल
को
बनाया
है।
उनके
विष्य
यहोवा
यों
कहता
है
कि
मैं
उन
को
उनकी
भूमि
में
से
उखाड़
डालूंगा,
और
यहूदा
के
घराने
को
भी
उनके
बीच
में
से
उखड़ूंगा।
15
उन्हें
उखाड़ने
के
बाद
मैं
फिर
उन
पर
दया
करूंगा,
और
उन
में
से
हर
एक
को
उसके
निज़
भाग
और
भूमि
में
फिर
से
लगाऊंगा।
16
और
यदि
वे
मेरी
प्रजा
की
चाल
सीखकर
मेरे
ही
नाम
की
सौगन्ध,
यहोवा
के
जीवन
की
सौगन्ध,
खाने
लगें,
जिस
प्रकार
से
उन्होंने
मेरी
प्रजा
को
बाल
की
सौगन्ध
खाना
सिखलाया
था,
तब
मेरी
प्रजा
के
बीच
उनका
भी
वंश
बढ़ेगा।
17
परन्तु
यदि
वे
न
मानें,
तो
मैं
उस
जाति
को
ऐसा
उखाड़ूंगा
कि
वह
फिर
कभी
न
पनंपेगी,
यहोवा
की
यही
वाणी
है।
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