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1 कुरिन्थियों
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रोमियो 5:1
उत्पत्ति
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यहोशू
न्यायियों
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2 शमूएल
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योना
मीका
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1 कुरिन्थियों
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रोमियो 5:1 (12 31 pm)
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रोमियो 5:1
1
सो
जब
हम
विश्वास
से
धर्मी
ठहरे,
तो
अपने
प्रभु
यीशु
मसीह
के
द्वारा
परमेश्वर
के
साथ
मेल
रखें।
2
जिस
के
द्वारा
विश्वास
के
कारण
उस
अनुग्रह
तक,
जिस
में
हम
बने
हैं,
हमारी
पहुंच
भी
हुई,
और
परमेश्वर
की
महिमा
की
आशा
पर
घमण्ड
करें।
3
केवल
यही
नहीं,
वरन
हम
क्लेशों
में
भी
घमण्ड
करें,
यही
जानकर
कि
क्लेश
से
धीरज।
4
ओर
धीरज
से
खरा
निकलना,
और
खरे
निकलने
से
आशा
उत्पन्न
होती
है।
5
और
आशा
से
लज्ज़ा
नहीं
होती,
क्योंकि
पवित्र
आत्मा
जो
हमें
दिया
गया
है
उसके
द्वारा
परमेश्वर
का
प्रेम
हमारे
मन
में
डाला
गया
है।
6
क्योंकि
जब
हम
निर्बल
ही
थे,
तो
मसीह
ठीक
समय
पर
भक्तिहीनों
के
लिये
मरा।
7
किसी
धर्मी
जन
के
लिये
कोई
मरे,
यह
तो
र्दुलभ
है,
परन्तु
क्या
जाने
किसी
भले
मनुष्य
के
लिये
कोई
मरने
का
भी
हियाव
करे।
8
परन्तु
परमेश्वर
हम
पर
अपने
प्रेम
की
भलाई
इस
रीति
से
प्रगट
करता
है,
कि
जब
हम
पापी
ही
थे
तभी
मसीह
हमारे
लिये
मरा।
9
सो
जब
कि
हम,
अब
उसके
लोहू
के
कारण
धर्मी
ठहरे,
तो
उसके
द्वारा
क्रोध
से
क्यों
न
बचेंगे?
10
क्योंकि
बैरी
होने
की
दशा
में
तो
उसके
पुत्र
की
मृत्यु
के
द्वारा
हमारा
मेल
परमेश्वर
के
साथ
हुआ
फिर
मेल
हो
जाने
पर
उसके
जीवन
के
कारण
हम
उद्धार
क्यों
न
पाएंगे?
11
और
केवल
यही
नहीं,
परन्तु
हम
अपने
प्रभु
यीशु
मसीह
के
द्वारा
जिस
के
द्वारा
हमारा
मेल
हुआ
है,
परमेश्वर
के
विषय
में
घमण्ड
भी
करते
हैं॥
12
इसलिये
जैसा
एक
मनुष्य
के
द्वारा
पाप
जगत
में
आया,
और
पाप
के
द्वारा
मृत्यु
आई,
और
इस
रीति
से
मृत्यु
सब
मनुष्यों
में
फैल
गई,
इसलिये
कि
सब
ने
पाप
किया।
13
क्योंकि
व्यवस्था
के
दिए
जाने
तक
पाप
जगत
में
तो
था,
परन्तु
जहां
व्यवस्था
नहीं,
वहां
पाप
गिना
नहीं
जाता।
14
तौभी
आदम
से
लेकर
मूसा
तक
मृत्यु
ने
उन
लोगों
पर
भी
राज्य
किया,
जिन्हों
ने
उस
आदम
के
अपराध
की
नाईं
जो
उस
आने
वाले
का
चिन्ह
है,
पाप
न
किया।
15
पर
जैसा
अपराध
की
दशा
है,
वैसी
अनुग्रह
के
वरदान
की
नहीं,
क्योंकि
जब
एक
मनुष्य
के
अपराध
से
बहुत
लोग
मरे,
तो
परमेश्वर
का
अनुग्रह
और
उसका
जो
दान
एक
मनुष्य
के,
अर्थात
यीशु
मसीह
के
अनुग्रह
से
हुआ
बहुतेरे
लागों
पर
अवश्य
ही
अधिकाई
से
हुआ।
16
और
जैसा
एक
मनुष्य
के
पाप
करने
का
फल
हुआ,
वैसा
ही
दान
की
दशा
नहीं,
क्योंकि
एक
ही
के
कारण
दण्ड
की
आज्ञा
का
फैसला
हुआ,
परन्तु
बहुतेरे
अपराधों
से
ऐसा
वरदान
उत्पन्न
हुआ,
कि
लोग
धर्मी
ठहरे।
17
क्योंकि
जब
एक
मनुष्य
के
अपराध
के
कराण
मृत्यु
ने
उस
एक
ही
के
द्वारा
राज्य
किया,
तो
जो
लोग
अनुग्रह
और
धर्म
रूपी
वरदान
बहुतायत
से
पाते
हैं
वे
एक
मनुष्य
के,
अर्थात
यीशु
मसीह
के
द्वारा
अवश्य
ही
अनन्त
जीवन
में
राज्य
करेंगे।
18
इसलिये
जैसा
एक
अपराध
सब
मनुष्यों
के
लिये
दण्ड
की
आज्ञा
का
कारण
हुआ,
वैसा
ही
एक
धर्म
का
काम
भी
सब
मनुष्यों
के
लिये
जीवन
के
निमित
धर्मी
ठहराए
जाने
का
कारण
हुआ।
19
क्योंकि
जैसा
एक
मनुष्य
के
आज्ञा
न
मानने
से
बहुत
लोग
पापी
ठहरे,
वैसे
ही
एक
मनुष्य
के
आज्ञा
मानने
से
बहुत
लोग
धर्मी
ठहरेंगे।
20
और
व्यवस्था
बीच
में
आ
गई,
कि
अपराध
बहुत
हो,
परन्तु
जहां
पाप
बहुत
हुआ,
वहां
अनुग्रह
उस
से
भी
कहीं
अधिक
हुआ।
21
कि
जैसा
पाप
ने
मृत्यु
फैलाते
हुए
राज्य
किया,
वैसा
ही
हमारे
प्रभु
यीशु
मसीह
के
द्वारा
अनुग्रह
भी
अनन्त
जीवन
के
लिये
धर्मी
ठहराते
हुए
राज्य
करे॥
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