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यहेजकेल
दानिय्येल
होशे
योएल
आमोस
ओबद्दाह
योना
मीका
नहूम
हबक्कूक
सपन्याह
हाग्गै
जकर्याह
मलाकी
नई टैस्टमैंट
मत्ती
मरकुस
लूका
यूहन्ना
प्रेरितों के काम
रोमियो
1 कुरिन्थियों
2 कुरिन्थियों
गलातियों
इफिसियों
फिलिप्पियों
कुलुस्सियों
1 थिस्सलुनीकियों
2 थिस्सलुनीकियों
1 तीमुथियुस
2 तीमुथियुस
तीतुस
फिलेमोन
इब्रानियों
याकूब
1 पतरस
2 पतरस
1 यूहन्ना
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अधिक
यहोशू 2:1
उत्पत्ति
निर्गमन
लैव्यवस्था
गिनती
व्यवस्थाविवरण
यहोशू
न्यायियों
रूत
1 शमूएल
2 शमूएल
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होशे
योएल
आमोस
ओबद्दाह
योना
मीका
नहूम
हबक्कूक
सपन्याह
हाग्गै
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मलाकी
मत्ती
मरकुस
लूका
यूहन्ना
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रोमियो
1 कुरिन्थियों
2 कुरिन्थियों
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1 थिस्सलुनीकियों
2 थिस्सलुनीकियों
1 तीमुथियुस
2 तीमुथियुस
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यहोशू 2:1 (08 31 pm)
हमारे बारे में
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यहोशू 2:1
1
तब
नून
के
पुत्र
यहोशू
ने
दो
भेदियों
को
शित्तीम
से
चुपके
से
भेज
दिया,
और
उन
से
कहा,
जा
कर
उस
देश
और
यरीहो
को
देखो।
तुरन्त
वे
चल
दिए,
और
राहाब
नाम
किसी
वेश्या
के
घर
में
जा
कर
सो
गए।
2
तब
किसी
ने
यरीहो
के
राजा
से
कहा,
कि
आज
की
रात
कई
एक
इस्राएली
हमारे
देश
का
भेद
लेने
को
यहां
आए
हुए
हैं।
3
तब
यरीहो
के
राजा
ने
राहाब
के
पास
यों
कहला
भेजा,
कि
जो
पुरूष
तेरे
यहां
आए
हैं
उन्हें
बाहर
ले
आ;
क्योंकि
वे
सारे
देश
का
भेद
लेने
को
आए
हैं।
4
उस
स्त्री
ने
दोनों
पुरूषों
को
छिपा
रखा;
और
इस
प्रकार
कहा,
कि
मेरे
पास
कई
पुरूष
आए
तो
थे,
परन्तु
मैं
नहीं
जानती
कि
वे
कहां
के
थे;
5
और
जब
अन्धेरा
हुआ,
और
फाटक
बन्द
होने
लगा,
तब
वे
निकल
गए;
मुझे
मालूम
नहीं
कि
वे
कहां
गए;
तुम
फुर्ती
करके
उनका
पीछा
करो
तो
उन्हें
जा
पकड़ोगे।
6
उसने
उन
को
घर
की
छत
पर
चढ़ाकर
सनई
की
लकडिय़ों
के
नीचे
छिपा
दिया
था
जो
उसने
छत
पर
सजा
कर
रखी
थी।
7
वे
पुरूष
तो
यरदन
का
मार्ग
ले
उनकी
खोज
में
घाट
तक
चले
गए;
और
ज्योंही
उन
को
खोजने
वाले
फाटक
से
निकले
त्योंही
फाटक
बन्द
किया
गया।
8
और
ये
लेटने
न
पाए
थे
कि
वह
स्त्री
छत
पर
इनके
पास
जा
कर
9
इन
पुरूषों
से
कहने
लगी,
मुझे
तो
निश्चय
है
कि
यहोवा
ने
तुम
लोगों
को
यह
देश
दिया
है,
और
तुम्हारा
भय
हम
लोगों
के
मन
में
समाया
है,
और
इस
देश
के
सब
निवासी
तुम्हारे
कारण
घबरा
रहे
हैं।
10
क्योंकि
हम
ने
सुना
है
कि
यहोवा
ने
तुम्हारे
मिस्र
से
निकलने
के
समय
तुम्हारे
साम्हने
लाल
समुद्र
का
जल
सुखा
दिया।
और
तुम
लोगों
ने
सीहोन
और
ओग
नाम
यरदन
पार
रहने
वाले
एमोरियों
के
दोनों
राजाओं
को
सत्यानाश
कर
डाला
है।
11
और
यह
सुनते
ही
हमारा
मन
पिघल
गया,
और
तुम्हारे
कारण
किसी
के
जी
में
जी
न
रहा;
क्योंकि
तुम्हारा
परमेश्वर
यहोवा
ऊपर
के
आकाश
का
और
नीचे
की
पृथ्वी
का
परमेश्वर
है।
12
अब
मैं
ने
जो
तुम
पर
दया
की
है,
इसलिये
मुझ
से
यहोवा
की
शपथ
खाओ
कि
तुम
भी
मेरे
पिता
के
घराने
पर
दया
करोगे,
और
इसकी
सच्ची
चिन्हानी
मुझे
दो,
13
कि
तुम
मेरे
माता-पिता,
भाइयों
और
बहिनों
को,
और
जो
कुछ
उनका
है
उन
सभों
को
भी
जीवित
रख
छोड़ो,
और
हम
सभों
का
प्राण
मरने
से
बचाओगे।
14
तब
उन
पुरूषों
ने
उस
से
कहा,
यदि
तू
हमारी
यह
बात
किसी
पर
प्रगट
न
करे,
तो
तुम्हारे
प्राण
के
बदले
हमारा
प्राण
जाए;
और
जब
यहोवा
हम
को
यह
देश
देगा,
तब
हम
तेरे
साथ
कृपा
और
सच्चाई
से
बर्ताव
करेंगे।
15
तब
राहाब
जिसका
घर
शहरपनाह
पर
बना
था,
और
वह
वहीं
रहती
थीं,
उसने
उन
को
खिड़की
से
रस्सी
के
बल
उतार
के
नगर
के
बाहर
कर
दिया।
16
और
उसने
उन
से
कहा,
पहाड़
को
चले
जाओ,
ऐसा
न
हो
कि
खोजने
वाले
तुम
को
पाएं;
इसलिये
जब
तक
तुम्हारे
खोजने
वाले
लौट
न
आएं
तब
तक,
अर्थात
तीन
दिन
वहीं
छिपे
रहता,
उसके
बाद
अपना
मार्ग
लेना।
17
उन्होंने
उस
से
कहा,
जो
शपथ
तू
ने
हम
को
खिलाई
है
उसके
विषय
में
हम
तो
निर्दोष
रहेंगे।
18
तुम,
जब
हम
लोग
इस
देश
में
आएंगे,
तब
जिस
खिड़की
से
तू
ने
हम
को
उतारा
है
उस
में
यही
लाल
रंग
के
सूत
की
डोरी
बान्ध
देना;
और
अपने
माता
पिता,
भाइयों,
वरन
अपने
पिता
के
घराने
को
इसी
घर
में
अपने
पास
इकट्ठा
कर
रखना।
19
तब
जो
कोई
तेरे
घर
के
द्वार
से
बाहर
निकले,
उसके
खून
का
दोष
उसी
के
सिर
पड़ेगा,
और
हम
निर्दोष
ठहरेंगे:
परन्तु
यदि
तेरे
संग
घर
में
रहते
हुए
किसी
पर
किसी
का
हाथ
पड़े,
तो
उसके
खून
का
दोष
हमारे
सिर
पर
पड़ेगा।
20
फिर
यदि
तू
हमारी
यह
बात
किसी
पर
प्रगट
करे,
तो
जो
शपथ
तू
ने
हम
को
खिलाई
है
उस
से
हम
निर्बन्ध
ठहरेंगे।
21
उसने
कहा,
तुम्हारे
वचनों
के
अनुसार
हो।
तब
उसने
उन
को
विदा
किया,
और
वे
चले
गए;
और
उसने
लाल
रंग
की
डोरी
को
खिड़की
में
बान्ध
दिया।
22
और
वे
जा
कर
पहाड़
तक
पहुंचे,
और
वहां
खोजने
वालों
के
लौटने
तक,
अर्थात
तीन
दिन
तक
रहे;
और
खोजने
वाले
उन
को
सारे
मार्ग
में
ढूंढ़ते
रहे
और
कहीं
न
पाया।
23
तब
वे
दोनों
पुरूष
पहाड़
से
उतरे,
और
पार
जा
कर
नून
के
पुत्र
यहोशू
के
पास
पहुंचकर
जो
कुछ
उन
पर
बीता
था
उसका
वर्णन
किया।
24
और
उन्होंने
यहोशू
से
कहा,
निसन्देह
यहोवा
ने
वह
सारा
देश
हमारे
हाथ
में
कर
दिया
है;
फिर
इसके
सिवाय
उसके
सारे
निवासी
हमारे
कारण
घबरा
रहे
हैं॥
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