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हबक्कूक
सपन्याह
हाग्गै
जकर्याह
मलाकी
नई टैस्टमैंट
मत्ती
मरकुस
लूका
यूहन्ना
प्रेरितों के काम
रोमियो
1 कुरिन्थियों
2 कुरिन्थियों
गलातियों
इफिसियों
फिलिप्पियों
कुलुस्सियों
1 थिस्सलुनीकियों
2 थिस्सलुनीकियों
1 तीमुथियुस
2 तीमुथियुस
तीतुस
फिलेमोन
इब्रानियों
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न्यायियों 2:1
उत्पत्ति
निर्गमन
लैव्यवस्था
गिनती
व्यवस्थाविवरण
यहोशू
न्यायियों
रूत
1 शमूएल
2 शमूएल
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होशे
योएल
आमोस
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योना
मीका
नहूम
हबक्कूक
सपन्याह
हाग्गै
जकर्याह
मलाकी
मत्ती
मरकुस
लूका
यूहन्ना
प्रेरितों के काम
रोमियो
1 कुरिन्थियों
2 कुरिन्थियों
गलातियों
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1 थिस्सलुनीकियों
2 थिस्सलुनीकियों
1 तीमुथियुस
2 तीमुथियुस
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न्यायियों 2:1 (09 58 am)
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न्यायियों 2:1
1
और
यहोवा
का
दूत
गिलगाल
से
बोकीम
को
जा
कर
कहने
लगा,
कि
मैं
ने
तुम
को
मिस्र
से
ले
आकर
इस
देश
में
पहुंचाया
है,
जिसके
विषय
में
मैं
ने
तुम्हारे
पुरखाओं
से
शपथ
खाई
थी।
और
मैं
ने
कहा
था,
कि
जो
वाचा
मैं
ने
तुम
से
बान्धी
है,
उसे
मैं
कभी
न
तोडूंगा;
2
इसलिये
तुम
इस
देश
के
निवासियों
वाचा
न
बान्धना;
तुम
उनकी
वेदियों
को
ढा
देना।
परन्तु
तुम
ने
मेरी
बात
नहीं
मानी।
तुम
ने
ऐसा
क्यों
किया
है?
3
इसलिये
मैं
कहता
हूं,
कि
मैं
उन
लोगों
को
तुम्हारे
साम्हने
से
न
निकालूंगा;
और
वे
तुम्हारे
पांजर
में
कांटे,
और
उनके
देवता
तुम्हारे
लिये
फंदे
ठहरेंगे।
4
जब
यहोवा
के
दूत
ने
सारे
इस्राएलियों
से
ये
बातें
कहीं,
तब
वे
लोग
चिल्ला
चिल्लाकर
रोने
लगे।
5
और
उन्होंने
उस
स्थान
का
नाम
बोकीम
रखा।
और
वहां
उन्होंने
यहोवा
के
लिये
बलि
चढ़ाया॥
6
जब
यहोशू
ने
लोगों
को
विदा
किया
था,
तब
इस्राएली
देश
को
अपने
अधिकार
में
कर
लेने
के
लिये
अपने
अपने
निज
भाग
पर
गए।
7
और
यहोशू
के
जीवन
भर,
और
उन
वृद्ध
लोगों
के
जीवन
भर
जो
यहोशू
के
मरने
के
बाद
जीवित
रहे
और
देख
चुके
थे
कि
यहोवा
ने
इस्राएल
के
लिये
कैसे
कैसे
बड़े
काम
किए
हैं,
इस्राएली
लोग
यहोवा
की
सेवा
करते
रहे।
8
निदान
यहोवा
का
दास
नून
का
पुत्र
यहोशू
एक
सौ
दस
वर्ष
का
हो
कर
मर
गया।
9
और
उसको
तिम्नथेरेस
में
जो
एप्रैम
के
पहाड़ी
देश
में
गाश
नाम
पहाड़
की
उत्तर
अलंग
पर
है,
उसी
के
भाग
में
मिट्टी
दी
गई।
10
और
उस
पीढ़ी
के
सब
लोग
भी
अपने
अपने
पितरों
में
मिल
गए;
तब
उसके
बाद
जो
दूसरी
पीढ़ी
हुई
उसके
लोग
न
तो
यहोवा
को
जानते
थे
और
न
उस
काम
को
जो
उसने
इस्राएल
के
लिये
किया
था॥
11
इसलिये
इस्राएली
वह
करने
लगे
जो
यहोवा
की
दृष्टि
में
बुरा
है,
और
बाल
नाम
देवताओं
की
उपासना
करने
लगे;
12
वे
अपने
पूर्वजों
के
परमेश्वर
यहोवा
को,
जो
उन्हें
मिस्र
देश
से
निकाल
लाया
था,
त्यागकर
पराये
देवताओं
की
उपासना
करने
लगे,
और
उन्हें
दण्डवत
किया;
और
यहोवा
को
रिस
दिलाई।
13
वे
यहोवा
को
त्याग
कर
के
बाल
देवताओं
और
अशतोरेत
देवियों
की
उपासना
करने
लगे।
14
इसलिये
यहोवा
का
कोप
इस्राएलियों
पर
भड़क
उठा,
और
उसने
उन
को
लुटेरों
के
हाथ
में
कर
दिया
जो
उन्हें
लूटने
लगे;
और
उसने
उन
को
चारों
ओर
के
शत्रुओं
के
आधीन
कर
दिया;
और
वे
फिर
अपने
शत्रुओं
के
साम्हने
ठहर
न
सके।
15
जहां
कहीं
वे
बाहर
जाते
वहां
यहोवा
का
हाथ
उनकी
बुराई
में
लगा
रहता
था,
जैसे
यहोवा
ने
उन
से
कहा
था,
वरन
यहोवा
ने
शपथ
खाई
थी;
इस
प्रकार
से
बड़े
संकट
में
पड़
गए।
16
तौभी
यहोवा
उनके
लिये
न्यायी
ठहराता
था
जो
उन्हें
लूटने
वाले
के
हाथ
से
छुड़ाते
थे।
17
परन्तु
वे
अपने
न्यायियों
की
भी
नहीं
मानते
थे;
वरन
व्यभिचारिन
की
नाईं
पराये
देवताओं
के
पीछे
चलते
और
उन्हें
दण्डवत
करते
थे;
उनके
पूर्वज
जो
यहोवा
की
आज्ञाएं
मानते
थे,
उनकी
उस
लीक
को
उन्होंने
शीघ्र
ही
छोड़
दिया,
और
उनके
अनुसार
न
किया।
18
और
जब
जब
यहोवा
उनके
लिये
न्यायी
को
ठहराता
तब
तब
वह
उस
न्यायी
के
संग
रहकर
उसके
जीवन
भर
उन्हें
शत्रुओं
के
हाथ
से
छुड़ाता
था;
क्योंकि
यहोवा
उनका
कराहना
जो
अन्धेर
और
उपद्रव
करने
वालों
के
कारण
होता
था
सुनकर
दु:खी
था।
19
परन्तु
जब
न्यायी
मर
जाता,
तब
वे
फिर
पराये
देवताओं
के
पीछे
चलकर
उनकी
उपासना
करते,
और
उन्हें
दण्डवत
करके
अपने
पुरखाओं
से
अधिक
बिगड़
जाते
थे;
और
अपने
बुरे
कामों
और
हठीली
चाल
को
नहीं
छोड़ते
थे।
20
इसलिये
यहोवा
का
कोप
इस्राएल
पर
भड़क
उठा;
और
उसने
कहा,
इस
जाति
ने
उस
वाचा
को
जो
मैं
ने
उनके
पूर्वजों
से
बान्धी
थी
तोड़
दिया,
और
मेरी
बात
नहीं
मानी,
21
इस
कारण
जिन
जातियों
को
यहोशू
मरते
समय
छोड़
गया
है
उन
में
से
मैं
अब
किसी
को
उनके
साम्हने
से
न
निकालूंगा;
22
जिस
से
उनके
द्वारा
मैं
इस्राएलियों
की
परीक्षा
करूं,
कि
जैसे
उनके
पूर्वज
मेरे
मार्ग
पर
चलते
थे
वैसे
ही
ये
भी
चलेंगे
कि
नहीं।
23
इसलिये
यहोवा
ने
उन
जातियों
को
एकाएक
न
निकाला,
वरन
रहने
दिया,
और
उसने
उन्हें
यहोशू
के
हाथ
में
भी
उन
को
न
सौंपा
था॥
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