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1 शमूएल 19:20
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1 शमूएल
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1 शमूएल 19:20 (11 06 am)
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1 शमूएल 19:20
1
और
शाऊल
ने
अपने
पुत्र
योनातन
और
अपने
सब
कर्मचारियों
से
दाऊद
को
मार
डालने
की
चर्चा
की।
परन्तु
शाऊल
का
पुत्र
योनातन
दाऊद
से
बहुत
प्रसन्न
था।
2
और
योनातन
ने
दाऊद
को
बताया,
कि
मेरा
पिता
तुझे
मरवा
डालना
चाहता
है;
इसलिये
तू
बिहान
को
सावधान
रहना,
और
किसी
गुप्त
स्थान
में
बैठा
हुआ
छिपा
रहना;
3
और
मैं
मैदान
में
जहां
तू
होगा
वहां
जा
कर
अपने
पिता
के
पास
खड़ा
हो
कर
उस
से
तेरी
चर्चा
करूंगा;
और
यदि
मुझे
कुछ
मालूम
हो
तो
तुझे
बताऊंगा।
4
और
योनातन
ने
अपने
पिता
शाऊल
से
दाऊद
की
प्रशंसा
करके
उस
से
कहा,
कि
हे
राजा,
अपने
दास
दाऊद
का
अपराधी
न
हो;
क्योंकि
उसने
तेरा
कुछ
अपराध
नहीं
किया,
वरन
उसके
सब
काम
तेरे
बहुत
हित
के
हैं;
5
उसने
अपने
प्राण
पर
खेलकर
उस
पलिश्ती
को
मार
डाला,
और
यहोवा
ने
समस्त
इस्राएलियों
की
बड़ी
जय
कराई।
इसे
देखकर
तू
आनन्दित
हुआ
था;
और
तू
दाऊद
को
अकारण
मारकर
निर्दोष
के
खून
का
पापी
क्यों
बने?
6
तब
शाऊल
ने
योनातन
की
बात
मानकर
यह
शपथ
खाई,
कि
यहोवा
के
जीवन
की
शपथ,
दाऊद
मार
डाला
न
जाएगा।
7
तब
योनातन
ने
दाऊद
को
बुलाकर
ये
समस्त
बातें
उसको
बताई।
फिर
योनातन
दाऊद
को
शाऊल
के
पास
ले
गया,
और
वह
पहिले
की
नाईं
उसके
साम्हने
रहने
लगा॥
8
तब
फिर
लड़ाई
होने
लगी;
और
दाऊद
जा
कर
पलिश्तियों
से
लड़ा,
और
उन्हें
बड़ी
मार
से
मारा,
और
वे
उसके
साम्हने
से
भाग
गए।
9
और
जब
शाऊल
हाथ
में
भाला
लिए
हुए
घर
में
बैठा
था;
और
दाऊद
हाथ
से
बजा
रहा
था,
तब
यहोवा
की
ओर
से
एक
दुष्ट
आत्मा
शाऊल
पर
चढ़ा।
10
और
शाऊल
ने
चाहा,
कि
दाऊद
को
ऐसा
मारे
कि
भाला
उसे
बेधते
हुए
भीत
में
धंस
जाए;
परन्तु
दाऊद
शाऊल
के
साम्हने
से
ऐसा
हट
गया
कि
भाला
जा
कर
भीत
ही
में
धंस
गया।
और
दाऊद
भागा,
और
उस
रात
को
बच
गया।
11
और
शाऊल
ने
दाऊद
के
घर
पर
दूत
इसलिये
भेजे
कि
वे
उसकी
घात
में
रहें,
और
बिहान
को
उसे
मार
डालें,
तब
दाऊद
की
स्त्री
मीकल
ने
उसे
यह
कहकर
जताया,
कि
यदि
तू
इस
रात
को
अपना
प्राण
न
बचाए,
तो
बिहान
को
मारा
जाएगा।
12
तब
मीकल
ने
दाऊद
को
खिड़की
से
उतार
दिया;
और
वह
भाग
कर
बच
निकला।
13
तब
मीकल
ने
गृहदेवताओं
को
ले
चारपाई
पर
लिटाया,
और
बकरियों
के
रोएं
की
तकिया
उसके
सिरहाने
पर
रखकर
उन
को
वस्त्र
ओढ़ा
दिए।
14
जब
शाऊल
ने
दाऊद
को
पकड़
लाने
के
लिये
दूत
भेजे,
तब
वह
बोली,
वह
तो
बीमार
है।
15
तब
शाऊल
ने
दूतों
को
दाऊद
के
देखने
के
लिये
भेजा,
और
कहा,
उसे
चारपाई
समेत
मेरे
पास
लाओ
कि
मैं
उसे
मार
डालूं।
16
जब
दूत
भीतर
गए,
तब
क्या
देखते
हैं
कि
चारपाई
पर
गृहदेवता
पड़े
हैं,
और
सिरहाने
पर
बकरियों
के
रोएं
की
तकिया
है।
17
सो
शाऊल
ने
मीकल
से
कहा,
तू
ने
मुझे
ऐसा
धोखा
क्योंदिया?
तू
ने
मेरे
शत्रु
को
ऐसा
क्यों
जाने
दिया
कि
वह
बच
निकला
है?
मीकल
ने
शाऊल
से
कहा,
उसने
मुझ
से
कहा,
कि
मुझे
जाने
दे;
मैं
तुझे
क्यों
मार
डालूं॥
18
और
दाऊद
भागकर
बच
निकला,
और
रामा
में
शमूएल
के
पास
पहुंचकर
जो
कुछ
शाऊल
ने
उस
से
किया
था
सब
उसे
कह
सुनाया।
तब
वह
और
शमूएल
जा
कर
नबायोत
में
रहने
लगे।
19
जब
शाऊल
को
इसका
समाचार
मिला
कि
दाऊद
रामा
के
नबायोत
में
है
20
तब
शाऊल
ने
दाऊद
के
पकड़
लाने
के
लिये
दूत
भेजे;
और
जब
शाऊल
के
दूतों
ने
नबियों
के
दल
को
नबूवत
करते
हुए,
और
शमूएल
को
उनकी
प्रधानता
करते
हुए
देखा,
तब
परमेश्वर
का
आत्मा
उन
पर
चढ़ा,
और
वे
भी
नबूवत
करने
लगे।
21
इसका
समाचार
पाकर
शाऊल
ने
और
दूत
भेजे,
और
वे
भी
नबूवत
करने
लगे।
फिर
शाऊल
ने
तीसरी
बार
दूत
भेजे,
और
वे
भी
नबूवत
करने
लगे।
22
तब
वह
आप
ही
रामा
को
चला,
और
उस
बड़े
गड़हे
पर
जो
सेकू
में
है
पहुंचकर
पूछने
लगा,
कि
शमूएल
और
दाऊद
कहां
है?
किसी
ने
कहा,
वे
तो
रामा
के
नबायोत
में
हैं।
23
तब
वह
उधर,
अर्थात
रामा
के
नबायोत
को
चला;
और
परमेश्वर
का
आत्मा
उस
पर
भी
चढ़ा,
और
वह
रामा
के
नबायोत
को
पहुंचने
तक
नबूवत
करता
हुआ
चला
गया।
24
और
उसने
भी
अपने
वस्त्र
उतारे,
और
शमूएल
के
साम्हने
नबूवत
करने
लगा,
और
भूमि
पर
गिरकर
दिन
और
रात
नंगा
पड़ा
रहा।
इस
कारण
से
यह
कहावत
चली,
कि
क्या
शाऊल
भी
नबियों
में
से
है?
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