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दानिय्येल
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योएल
आमोस
ओबद्दाह
योना
मीका
नहूम
हबक्कूक
सपन्याह
हाग्गै
जकर्याह
मलाकी
नई टैस्टमैंट
मत्ती
मरकुस
लूका
यूहन्ना
प्रेरितों के काम
रोमियो
1 कुरिन्थियों
2 कुरिन्थियों
गलातियों
इफिसियों
फिलिप्पियों
कुलुस्सियों
1 थिस्सलुनीकियों
2 थिस्सलुनीकियों
1 तीमुथियुस
2 तीमुथियुस
तीतुस
फिलेमोन
इब्रानियों
याकूब
1 पतरस
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1 यूहन्ना
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1 शमूएल 30
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1 शमूएल 30:0 (12 00 am)
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1 शमूएल 30
1
तीसरे
दिन
जब
दाऊद
अपने
जनों
समेत
सिकलग
पहुंचा,
तब
उन्होंने
क्या
देखा,
कि
अमालेकियों
ने
दक्खिन
देश
और
सिकलग
पर
चढ़ाई
की।
और
सिकलग
को
मार
के
फूंक
दिया,
2
और
उस
में
की
स्त्री
आदि
छोटे
बड़े
जितने
थे,
सब
को
बन्धुआई
में
ले
गए;
उन्होंने
किसी
को
मार
तो
नहीं
डाला,
परन्तु
सभों
को
ले
कर
अपना
मार्ग
लिया।
3
इसलिये
जब
दाऊद
अपने
जनों
समेत
उस
नगर
में
पहुंचा,
तब
नगर
तो
जला
पड़ा
था,
और
स्त्रियां
और
बेटे-बेटियां
बन्धुआई
में
चली
गई
थीं।
4
तब
दाऊद
और
वे
लोग
जो
उसके
साथ
थे
चिल्लाकर
इतना
रोए,
कि
फिर
उन
में
रोने
की
शक्ति
न
रही।
5
और
दाऊद
की
दो
स्त्रियां,
यिज्रेली
अहीनोअम,
और
कर्मैली
नाबाल
की
स्त्री
अबीगैल,
बन्धुआई
में
गई
थीं।
6
और
दाऊद
बड़े
संकट
में
पड़ा;
क्योंकि
लोग
अपने
बेटे-बेटियों
के
कारण
बहुत
शोकित
हो
कर
उस
पर
पत्थरवाह
करने
की
चर्चा
कर
रहे
थे।
परन्तु
दाऊद
ने
अपने
परमेश्वर
यहोवा
को
स्मरण
करके
हियाव
बान्धा॥
7
तब
दाऊद
ने
अहीमेलेक
के
पुत्र
एब्यातार
याजक
से
कहा,
एपोद
को
मेरे
पास
ला।
तब
एब्यातार
एपोद
को
दाऊद
के
पास
ले
आया।
8
और
दाऊद
ने
यहोवा
से
पूछा,
क्या
मैं
इस
दल
का
पीछा
करूं?
क्या
उसको
जा
पकडूंगा?
उसने
उस
से
कहा,
पीछा
कर;
क्योंकि
तू
निश्चय
उसको
पकड़ेगा,
और
निसन्देह
सब
कुछ
छुड़ा
लाएगा;
9
तब
दाऊद
अपने
छ:
सौ
साथी
जनों
को
ले
कर
बसोर
नाम
नाले
तक
पहुंचा;
वहां
कुछ
लोग
छोड़े
जा
कर
रह
गए।
10
दाऊद
तो
चार
सौ
पुरूषों
समेत
पीछा
किए
चला
गया;
परन्तु
दौ
सौ
जो
ऐसे
थक
गए
थे,
कि
बसोर
नाले
के
पार
न
जा
सके
वहीं
रहे।
11
उन
को
एक
मिस्री
पुरूष
मैदान
में
मिला,
उन्होंने
उसे
दाऊद
के
पास
ले
जा
कर
रोटी
दी;
और
उसने
उसे
खाया,
तब
उसे
पानी
पिलाया,
12
फिर
उन्होंने
उसको
अंजीर
की
टिकिया
का
एक
टुकड़ा
और
दो
गुच्छे
किशमिश
दिए।
और
जब
उसने
खाया,
तब
उसके
जी
में
जी
आया;
उसने
तीन
दिन
और
तीन
रात
से
न
तो
रोटी
खाई
थी
और
न
पानी
पिया
था।
13
तब
दाऊद
ने
उस
से
पूछा,
तू
किस
का
जन
है?
और
कहां
का
है?
उसने
कहा,
मैं
तो
मिस्री
जवान
और
एक
अमालेकी
मनुष्य
का
दास
हूँ;
और
तीन
दिन
हुए
कि
मैं
बीमार
पड़ा,
और
मेरा
स्वामी
मुझे
छोड़
गया।
14
हम
लोगों
ने
करेतियों
की
दक्खिन
दिशा
में,
और
यहूदा
के
देश
में,
और
कालेब
की
दक्खिन
दिशा
में
चढाई
की;
और
सिकलग
को
आग
लगाकर
फूंक
दिया
था।
15
दाऊद
ने
उस
से
पूछा,
क्या
तू
मुझे
उस
दल
के
पास
पहुंचा
देगा?
उसने
कहा,
मुझ
से
परमेश्वर
की
यह
शपथ
खा,
कि
मैं
तुझे
न
तो
प्राण
से
मारूंगा,
और
न
तेरे
स्वामी
के
हाथ
कर
दूंगा,
तब
मैं
तुझे
उस
दल
के
पास
पहुंचा
दूंगा।
16
जब
उसने
उसे
पहुंचाया,
तब
देखने
में
आया
कि
वे
सब
भूमि
पर
छिटके
हुए
खाते
पीते,
और
उस
बडी
लूट
के
कारण,
जो
वे
पलिश्तियों
के
देश
और
यहूदा
देश
से
लाए
थे,
नाच
रहे
हैं।
17
इसलिये
दाऊद
उन्हें
रात
के
पहिले
पहर
से
ले
कर
दूसरे
दिन
की
सांझ
तक
मारता
रहा;
यहां
तक
कि
चार
सौ
जवान
को
छोड़,
जो
ऊंटों
पर
चढ़कर
भाग
गए,
उन
में
से
एक
भी
मनुष्य
न
बचा।
18
और
जो
कुछ
अमालेकी
ले
गए
थे
वह
सब
दाऊद
ने
छुड़ाया;
और
दाऊद
ने
अपनी
दोनों
स्त्रियों
को
भी
छुड़ा
लिया।
19
वरन
उनके
क्या
छोटे,
क्या
बड़े,क्या
बेटे,
क्या
बेटियां,
क्या
लूट
का
माल,
सब
कुछ
जो
अमालेकी
ले
गए
थे,
उस
में
से
कोई
वस्तु
न
रही
जो
उन
को
न
मिली
हो;
क्योंकि
दाऊद
सब
का
सब
लौटा
लाया।
20
और
दाऊद
ने
सब
भेड़-बकरियां,
और
गाय-बैल
भी
लूट
लिए;
और
इन्हें
लोग
यह
कहते
हुए
अपने
जानवरों
के
आगे
हांकते
गए,
कि
यह
दाऊद
की
लूट
है।
21
तब
दाऊद
उन
दो
सौ
पुरुषों
के
पास
आया,
जो
ऐसे
थक
गए
थे
कि
दाऊद
के
पीछे
पीछे
न
जा
सके
थे,
और
बसोर
नाले
के
पास
छोड़
दिए
गए
थे;
और
वे
दाऊद
से
और
उसके
संग
के
लोगों
से
मिलने
को
चले;
और
दाऊद
ने
उनके
पास
पहुंचकर
उनका
कुशल
क्षेम
पूछा।
22
तब
उन
लोगों
में
से
जो
दाऊद
के
संग
गए
थे
सब
दुष्ट
और
ओछे
लोगों
ने
कहा,
ये
लोग
हमारे
साथ
नही
चले
थे,
इस
कारण
हम
उन्हें
अपने
छुड़ाए
हुए
लूट
के
माल
में
से
कुछ
न
देंगे,
केवल
एक
एक
मनुष्य
को
उसकी
स्त्री
और
बाल
बच्चे
देंगे,
कि
वे
उन्हें
ले
कर
चले
जाएं।
23
परन्तु
दाऊद
ने
कहा,
हे
मेरे
भाइयो,
तुम
उस
माल
के
साथ
ऐसा
न
करने
पाओगे
जिसे
यहोवा
ने
हमें
दिया
है;
और
उसने
हमारी
रक्षा
की,
और
उस
दल
को
जिसने
हमारे
ऊपर
चढाई
की
थी
हमारे
हाथ
में
कर
दिया
है।
24
और
इस
विषय
में
तुम्हारी
कौन
सुनेगा?
लड़ाई
में
जाने
वाले
का
जैसा
भाग
हो,
सामान
के
पास
बैठे
हए
का
भी
वैसा
ही
भाग
होगा;
दोनों
एक
ही
समान
भाग
पाएंगे।
25
और
दाऊद
ने
इस्राएलियों
के
लिये
ऐसी
ही
विधि
और
नियम
ठहराया,
और
वह
उस
दिन
से
ले
कर
आगे
को
वरन
आज
लों
बना
है।
26
सिकलग
में
पहुंचकर
दाऊद
ने
यहूदी
पुरनियों
के
पास
जो
उसके
मित्र
थे
लूट
के
माल
में
से
कुछ
कुछ
भेजा,
और
यह
कहलाया,
कि
यहोवा
के
शत्रुओं
से
ली
हुई
लूट
में
से
तुम्हारे
लिये
यह
भेंट
है।
27
अर्थात
बेतेल
के
दक्खिन
देश
के
रामोत,यत्तीर,
28
अरोएर,
सिपमोत,
एश्तमो,
29
राकाल,
यरहमेलियों
के
नगरों,
केनियों
के
नगरों,
30
होर्मा,
कोराशान,
अताक,
31
हेब्रोन
आदि
जितने
स्थानों
में
दाऊद
अपने
जनों
समेत
फिरा
करता
था,
उन
सब
के
पुरनियों
के
पास
उसने
कुछ
कुछ
भेजा।
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