1. {#1मार्गदर्शन की प्रार्थना } [QS][PS]*प्रधान बजानेवाले के लिये: बांसुरियों के साथ, दाऊद का भजन *[PE][PBR]हे यहोवा, मेरे वचनों पर कान लगा; [QE][QS]मेरे कराहने की ओर ध्यान लगा। [QE]
2. [QS]हे मेरे राजा, हे मेरे परमेश्वर, मेरी दुहाई पर ध्यान दे, [QE][QS]क्योंकि मैं तुझी से प्रार्थना करता हूँ। [QE]
3. [QS]हे यहोवा, भोर को मेरी वाणी तुझे सुनाई देगी, [QE][QS]मैं भोर को प्रार्थना करके तेरी बाट जोहूँगा। [QE]
4. [QS]क्योंकि तू ऐसा परमेश्वर है, जो दुष्टता से प्रसन्न नहीं होता; [QE][QS]बुरे लोग तेरे साथ नहीं रह सकते। [QE]
5. [QS]घमण्डी तेरे सम्मुख खड़े होने न पाएँगे; [QE][QS]तुझे सब अनर्थकारियों से घृणा है। [QE]
6. [QS]तू उनको जो झूठ बोलते हैं नाश करेगा; [QE][QS]यहोवा तो हत्यारे और छली मनुष्य से घृणा करता है*। [QE]
7. [QS]परन्तु मैं तो तेरी अपार करुणा के कारण तेरे भवन में आऊँगा, [QE][QS]मैं तेरा भय मानकर तेरे पवित्र मन्दिर की ओर दण्डवत् करूँगा। [QE]
8. [QS]हे यहोवा, मेरे शत्रुओं के कारण अपने धर्म के मार्ग में मेरी अगुआई कर; [QE][QS]मेरे आगे-आगे अपने सीधे मार्ग को दिखा। [QE]
9. [QS]क्योंकि उनके मुँह में कोई सच्चाई नहीं; [QE][QS]उनके मन में निरी दुष्टता है। [QE][QS]उनका गला खुली हुई कब्र है*, [QE][QS]वे अपनी जीभ से चिकनी चुपड़ी बातें करते हैं। (रोम. 3:13) [QE]
10. [QS]हे परमेश्वर तू उनको दोषी ठहरा; [QE][QS]वे अपनी ही युक्तियों से आप ही गिर जाएँ; [QE][QS]उनको उनके अपराधों की अधिकाई के कारण निकाल बाहर कर, [QE][QS]क्योंकि उन्होंने तुझ से बलवा किया है। [QE]
11. [QS]परन्तु जितने तुझ में शरण लेते हैं वे सब आनन्द करें, [QE][QS]वे सर्वदा ऊँचे स्वर से गाते रहें; क्योंकि तू उनकी रक्षा करता है, [QE][QS]और जो तेरे नाम के प्रेमी हैं तुझ में प्रफुल्लित हों। [QE]
12. [QS]क्योंकि तू धर्मी को आशीष देगा; हे यहोवा, [QE][QS]तू उसको ढाल के समान अपनी कृपा से घेरे रहेगा। [QE]