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यिर्मयाह
विलापगीत
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दानिय्येल
होशे
योएल
आमोस
ओबद्दाह
योना
मीका
नहूम
हबक्कूक
सपन्याह
हाग्गै
जकर्याह
मलाकी
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मत्ती
मरकुस
लूका
यूहन्ना
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गलातियों
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नहेमायाह 12:8
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नहेमायाह 12:8 (10 00 am)
हमारे बारे में
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नहेमायाह 12:8
1
जो
याजक
और
लेवीय
शालतीएल
के
पुत्र
जरुब्बाबेल
और
येशू
के
संग
यरूशलेम
को
गए
थे,
वे
ये
थे:
अर्थात
सरायाह,
यिर्मयाह,
एज्रा,
2
अमर्याह,
मल्लूक,
हत्तूश,
3
शकन्याह,
रहूम,
मरेमोत,
4
इद्दो,
गिन्नतोई,
अबिय्याह,
5
मीय्यामीन,
माद्याह,
बिलगा,
6
शमायाह,
योआरीब,
यदायाह,
7
सल्लू,
आमोक,
हिल्किय्याह
और
यदायाह।
येशू
के
दिनों
में
याजकों
और
उनके
भाइयों
के
मुख्य
मुख्य
पुरुष,
ये
ही
थे।
8
फिर
ये
लेवीय
गए:
अर्थात
येशू,
बिन्नूई,
कदमीएल,
शेरेब्याह,
यहूदा
और
वह
मत्तन्याह
जो
अपने
भाइयों
समेत
धन्यवाद
के
काम
पर
ठहराया
गया
था।
9
और
उनके
भाई
बकबुक्याह
और
उन्नो
उनके
साम्हने
अपनी
अपनी
सेवकाई
में
लगे
रहते
थे।
10
और
येशू
से
योयाकीम
उत्पन्न
हुआ
और
योयाकीम
से
एल्याशीब
और
एल्याशीब
से
योयादा,
11
और
योयादा
से
योनातान
और
योनातान
से
यद्द
उत्पन्न
हुआ।
12
और
योयाकीम
के
दिनों
में
ये
याजक
अपने
अपने
पितरों
के
घराने
के
मुख्य
पुरुष
थे,
अर्थात
शरायाह
का
तो
मरायाह;
यिर्मयाह
का
हनन्याह।
13
एज्रा
का
मशुल्लाम;
अमर्याह
का
यहोहानान।
14
मल्लूकी
का
योनातान;
शबन्याह
का
योसेप।
15
हारीम
का
अदना;
मरायोत
का
हेलकै।
16
इद्दो
का
जकर्याह;
गिन्नतोन
का
मशुल्लाम।
17
अबिय्याह
का
जिक्री;
मिन्यामीन
के
मोअद्याह
का
पिलतै।
18
बिलगा
का
शम्मू;
शामायह
का
यहोनातान।
19
योयारीब
का
मत्तनै;
यदायाह
का
उज्जी।
20
सल्लै
का
कल्लै;
आमोक
का
एबेर।
21
हिल्किय्याह
का
हशब्याह;
और
यदायाह
का
नतनेल।
22
एल्याशीब,
योयादा,
योहानान
और
यद्द
के
दिनों
में
लेवीय
पितरों
के
घरानों
के
मुख्य
पुरुषों
के
नाम
लिखे
जाते
थे,
और
दारा
फारसी
के
राज्य
में
याजकों
के
भी
नाम
लिखे
जाते
थे।
23
जो
लेवीय
पितरों
के
घरानों
के
मुख्य
पुरुष
थे,
उनके
नाम
एल्याशीब
के
पुत्र
योहानान
के
दिनों
तक
इतिहास
की
पुस्तक
में
लिखे
जाते
थे।
24
और
लेवियों
के
मुख्य
पुरुष
ये
थे:
अर्थात
हसब्याह,
शेरेब्याह
और
कदमीएल
का
पुत्र
येशू;
और
उनके
साम्हने
उनके
भाई
परमेश्वर
के
भक्त
दाऊद
की
आज्ञा
के
अनुसार
आम्हने-साम्हने
स्तुति
और
धन्यवाद
करने
पर
नियुक्त
थे।
25
मत्तन्याह,
बकबुक्याह,
ओबद्याह,
मशुल्लाम,
तल्मोन
और
अक्कूब
फाटकों
के
पास
के
भणडारों
का
पहरा
देने
वाले
द्वारपाल
थे।
26
योयाकीम
के
दिनों
में
जो
योसादाक
का
पोता
और
येशू
का
पुत्र
था,
और
नहेमायाह
अधिपति
और
एज्रा
याजक
और
शास्त्री
के
दिनों
में
ये
ही
थे।
27
और
यरूशलेम
की
शहरपनाह
की
प्रतिष्ठा
के
समय
लेवीय
अपने
सब
स्थानों
में
ढूंढ़े
गए,
कि
यरूशलेम
को
पहुंचाए
जाएं,
जिस
से
आनन्द
और
धन्यवाद
कर
के
और
झांझ,
सारंगी
और
वीणा
बजाकर,
और
गाकर
उसकी
प्रतिष्ठा
करें।
28
तो
गवैयों
के
सन्तान
यरूशलेम
के
चारों
ओर
के
देश
से
और
नतोपातियों
के
गांवों
से,
29
और
बेतगिलगाल
से,
और
गेबा
और
अज्माबेत
के
खेतों
से
इकट्ठे
हुए;
क्योंकि
गवैयों
ने
यरूशलेम
के
आस-पास
गांव
बसा
लिये
थे।
30
तब
याजकों
और
लेवियों
ने
अपने
अपने
को
शुद्ध
किया;
और
उन्होंने
प्रजा
को,
और
फाटकों
और
शहरपनाह
को
भी
शुद्ध
किया।
31
तब
मैं
ने
यहूदी
हाकिमों
को
शहरपनाह
पर
चढ़ाकर
दो
बड़े
दल
ठहराए,
जो
धन्यवाद
करते
हुए
धूमधाम
के
साथ
चलते
थे।
इनमें
से
एक
दल
तो
दक्खिन
ओर,
अर्थात
कूड़ाफाटक
की
ओर
शहरपनाह
के
ऊपर
ऊपर
से
चला;
32
और
उसके
पीछे
पीछे
ये
चले,
अर्थात
होशयाह
और
यहूदा
के
आधे
हाकिम,
33
और
अजर्याह,
एज्रा,
मशुल्लाम,
34
यहूदा,
बिन्यामीन,
शमायाह,
और
यिर्मयाह,
35
और
याजकों
के
कितने
पुत्र
तुरहियां
लिये
हुए:
अर्थात
जकर्याह
जो
योहानान
का
पुत्र
था,
यह
शमायाह
का
पुत्र,
यह
मत्तन्याह
का
पुत्र,
यह
मीकायाह
का
पुत्र,
यह
जक्कूर
का
पुत्र,
यह
आसाप
का
पुत्र
था।
36
और
उसके
भाई
शमायाह,
अजरेल,
मिललै,
गिललै,
माऐ,
नतनेल,
यहूदा
और
हनानी
परमेश्वर
के
भक्त
दाऊद
के
बाजे
लिये
हुए
थे;
और
उनके
आगे
आगे
एज्रा
शास्त्री
चला।
37
ये
सोताफाटक
से
हो
सीधे
दाऊदपुर
की
सीढ़ी
पर
चढ़,
शहरपनाह
की
ऊंचाई
पर
से
चलकर,
दाऊद
के
भवन
के
ऊपर
से
हो
कर,
पूरब
की
ओर
जलफाटक
तक
पहुंचे।
38
और
धन्यवाद
करने
और
धूमधाम
से
चलने
वालों
का
दूसरा
दल,
और
उनके
पीछे
पीछे
मैं,
और
आधे
लोग
उन
से
मिलने
को
शहरपनाह
के
ऊपर
ऊपर
से
भट्ठों
के
गुम्मट
के
पास
से
चौड़ी
शहरपनाह
तक।
39
और
एप्रैम
के
फाटक
और
पुराने
फाटक,
और
मछलीफाटक,
और
हननेल
के
गुम्मट,
और
हम्मेआ
नाम
गुम्मट
के
पास
से
हो
कर
भेड़
फाटक
तक
चले,
और
पहरुओं
के
फाटक
के
पास
खड़े
हो
गए।
40
तब
धन्यवाद
करने
वालों
के
दोनों
दल
और
मैं
और
मेरे
साथ
आधे
हाकिम
परमेश्वर
के
भवन
में
खड़े
हो
गए।
41
और
एल्याकीम,
मासेयाह,
मिन्यामीन,
मीकायाह,
एल्योएनै,
जकर्याह
और
हनन्याह
नाम
याजक
तुरहियां
लिये
हुए
थे।
42
और
मासेयाह,
शमायाह,
एलीआजर,
उज्जी,
यहोहानान,
मल्किय्याह,
एलाम,
ओर
एजेर
(खड़े
हुए
थे)
और
गवैये
जिनका
मुखिया
यिज्रह्याह
था,
वह
ऊंचे
स्वर
से
गाते
बजाते
रहे।
43
उसी
दिन
लोगों
ने
बड़े
बड़े
मेलबलि
चढ़ाए,
और
आनन्द
लिया;
क्योंकि
परमेश्वर
ने
उन
को
बहुत
ही
आनन्दित
किया
था;
स्त्रियों
ने
और
बाल-बच्चों
ने
भी
आनन्द
किया।
और
यरूशलेम
के
आनन्द
की
ध्वनि
दूर
दूर
तक
फैल
गई।
44
उसी
दिन
खज़ानों
के,
उठाई
हुई
भेंटों
के,
पहिली
पहिली
उपज
के,
और
दशमांशों
की
कोठरियों
के
अधिकारी
ठहराए
गए,
कि
उन
में
नगर
नगर
के
खेतों
के
अनुसार
उन
वस्तुओं
को
जमा
करें,
जो
व्यवस्था
के
अनुसार
याजकों
और
लेवियों
के
भाग
में
की
थीं;
क्योंकि
यहूदी
उपस्थित
याजकों
और
लेवियों
के
कारण
आनन्दित
थे।
45
इसलिये
वे
अपने
परमेश्वर
के
काम
और
शुद्धता
के
विषय
चौकसी
करते
रहे;
और
गवैये
ओर
द्वारपाल
भी
दाऊद
और
उसके
पुत्र
सुलैमान
की
आज्ञा
के
अनुसार
वैसा
ही
करते
रहे।
46
प्राचीनकाल,
अर्थात
दाऊद
और
आसाप
के
दिनों
में
तो
गवैयों
के
प्रधान
थे,
और
परमेश्वर
की
स्तुति
और
धन्यवाद
के
गीत
गाए
जाते
थे।
47
और
जरुब्बाबेल
और
नहेमायाह
के
दिनों
में
सारे
इस्राएली,
गवैयों
और
द्वारपालों
के
प्रतिदिन
का
भाग
देते
रहे;
और
वे
लेवियों
के
अंश
पवित्र
कर
के
देते
थे;
और
लेवीय
हारून
की
सन्तान
के
अंश
पवित्र
कर
के
देते
थे।
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