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1 तीमुथियुस
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तीतुस
फिलेमोन
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यिर्मयाह 51:3
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यिर्मयाह 51:3 (06 39 am)
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यिर्मयाह 51:3
1
यहोवा
यों
कहता
है,
मैं
बाबुल
के
और
लेबकामै
के
रहने
वालों
के
विरुद्ध
एक
नाश
करने
वाली
वायु
चलाऊंगा;
2
और
मैं
बाबुल
के
पास
ऐसे
लोगों
को
भेजूंगा
जो
उसको
फटक-फटककर
उड़ा
देंगे,
और
इस
रीति
उसके
देश
को
सुनसान
करेंगे;
और
विपत्ति
के
दिन
चारों
ओर
से
उसके
विरुद्ध
होंगे।
3
धनुर्धारी
के
विरुद्ध
और
जो
अपना
झिलम
पहिने
हैं
धनुर्धारी
धनुष
चढ़ाए
हुए
उठे;
उसके
जवानों
से
कुछ
कोमलता
न
करना;
उसकी
सारी
सेना
को
सत्यानाश
करो।
4
कसदियों
के
देश
में
मरे
हुए
और
उसकी
सड़कों
में
छिदे
हुए
लोग
गिरेंगे।
5
क्योंकि,
यद्यपि
इस्राएल
और
यहूदा
के
देश,
इस्राएल
के
पवित्र
के
विरुद्ध
किए
हुए
पापों
से
भरपूर
हो
गए
हैं,
तौभी
उनके
परमेश्वर,
सेनाओं
के
यहोवा
ने
उन
को
त्याग
नहीं
दिया।
6
बाबुल
में
से
भागो,
अपना
अपना
प्राण
बचाओ!
उसके
अधर्म
में
भागी
हो
कर
तुम
भी
न
मिट
जाओ;
क्योंकि
यह
यहोवा
के
बदला
लेने
का
समय
है,
वह
उसको
बदला
देने
पर
है।
7
बाबुल
यहोवा
के
हाथ
में
सोने
का
कटोरा
था,
जिस
से
सारी
पृथ्वी
के
लोग
मतवाले
होते
थे;
जाति
जाति
के
लोगों
ने
उसके
दाखमधु
में
से
पिया,
इस
कारण
वे
भी
बावले
हो
गए।
8
बाबुल
अचानक
ले
ली
गई
और
नाश
की
गई
है।
उसके
लिये
हाय-हाय
करो!
उसके
घावों
के
लिये
बलसान
औषधि
लाओ;
सम्भव
है
वह
चंगी
हो
सके।
9
हम
बाबुल
का
इलाज
करते
तो
थे,
परन्तु
वह
चंगी
नहीं
हुई।
सो
आओ,
हम
उसको
तजकर
अपने
अपने
देश
को
चले
जाएं;
क्योंकि
उस
पर
किए
हुए
न्याय
का
निर्णय
आकाश
वरन
स्वर्ग
तक
भी
पहुंच
गया
है।
10
यहोवा
ने
हमारे
धर्म
के
काम
प्रगट
किए
हैं;
सो
आओ,
हम
सिय्योन
में
अपने
परमेश्वर
यहोवा
के
काम
का
वर्णन
करें।
11
तीरों
को
पैना
करो!
ढालें
थामे
रहो!
क्योंकि
यहोवा
ने
मादी
राजाओं
के
मन
को
उभारा
है,
उसने
बाबुल
को
नाश
करने
की
कल्पना
की
है,
क्योंकि
यहोवा
अर्थात
उसके
मन्दिर
का
यही
बदला
है
12
बाबुल
की
शहरपनाह
के
विरुद्ध
झण्डा
खड़ा
करो;
बहुत
पहरुए
बैठाओ;
घात
लगाने
वालों
को
बैठाओ;
क्योंकि
यहोवा
ने
बाबुल
के
रहने
वालों
के
विरुद्ध
जो
कुछ
कहा
था,
वह
अब
करने
पर
है
वरन
किया
भी
है।
13
हे
बहुत
जलाशयों
के
बीच
बसी
हुई
और
बहुत
भण्डार
रखने
वाली,
तेरा
अन्त
आ
गया,
तेरे
लोभ
की
सीमा
पहुंच
गई
है।
14
सेनाओं
के
यहोवा
ने
अपनी
ही
शपथ
खाई
है,
कि
निश्चय
मैं
तुझ
को
टिड्डियों
के
समान
अनगिनित
मनुष्यों
से
भर
दूंगा,
और
वे
तेरे
विरुद्ध
ललकारेंगे।
15
उसी
ने
पृथ्वी
को
अपने
सामर्थ
से
बनाया,
और
जगत
को
अपनी
बुद्धि
से
स्थिर
किया;
और
आकाश
को
अपनी
प्रवीणता
से
तान
दिया
है।
16
जब
वह
बोलता
है
तब
आकाश
में
जल
का
बड़ा
शब्द
होता
है,
वह
पृथ्वी
की
छोर
से
कुहरा
उठाता
है।
वह
वर्षा
के
लिये
बिजली
बनाता,
और
अपने
भण्डार
में
से
पवन
निकाल
ले
आता
है।
17
सब
मनुष्य
पशु
सरीखे
ज्ञानरहित
है;
सब
सोनारों
को
अपनी
खोदी
हुई
मूरतों
के
कारण
लज्जित
होना
पड़ेगा;
क्योंकि
उनकी
ढाली
हुई
मूरतें
धोखा
देने
वाली
हैं,
और
उनके
कुछ
भी
सांस
नहीं
चलती।
18
वे
तो
व्यर्थ
और
ठट्ठे
ही
के
योग्य
है;
जब
उनके
नाश
किए
जाने
का
समय
आएगा,
तब
वे
नाश
ही
होंगी।
19
परन्तु
जो
याकूब
का
निज
भाग
है,
वह
उनके
समान
नहीं,
वह
तो
सब
का
बनाने
वाला
है,
और
इस्राएल
उसका
निज
भाग
है;
उसका
नाम
सेनाओं
का
यहोवा
है।
20
तू
मेरा
फरसा
और
युद्ध
के
लिये
हथियार
ठहराया
गया
है;
तेरे
द्वारा
मैं
जाति
जाति
को
तितर-बितर
करूंगा;
और
तेरे
ही
द्वारा
राज्य
राज्य
को
नाश
करूंगा।
21
तेरे
ही
द्वारा
मैं
सवार
समेत
घोड़ों
को
टुकड़े
टुकड़े
करूंगा;
22
तेरे
ही
द्वारा
रथी
समेत
रथ
को
भी
टुकड़े
टुकड़े
करूंगा;
तेरे
ही
द्वारा
मैं
स्त्री
पुरुष
दोनों
को
टुकड़े
टुकड़े
करूंगा;
तेरे
ही
द्वारा
मैं
बूढ़े
और
लड़के
दोनों
को
टुकढ़े
टुकड़े
करूंगा,
और
जवान
पुरुष
और
जवान
स्त्री
दोनों
को
मैं
तेरे
ही
द्वारा
टुकड़े
टुकड़े
करूंगा;
23
तेरे
ही
द्वारा
मैं
भेड़-बकरियों
समेत
चरवाहे
को
टुकड़े
टुकड़े
करूंगा;
तेरे
ही
द्वारा
मैं
किसान
और
उसके
जोड़े
बैलों
को
भी
टुकड़े
टुकड़े
करूंगा;
अधिपतियों
और
हाकिमों
को
भी
मैं
तेरे
ही
द्वारा
टुकड़े
टुकड़े
करूंगा।
24
मैं
बाबुल
को
और
सारे
कसदियों
को
भी
उन
सब
बुराइयों
का
बदला
दूंगा,
जो
उन्होंने
तुम
लोगों
के
साम्हने
सिय्योन
में
की
है;
यहोवा
की
यही
वाणी
है।
25
हे
नाश
करने
वाले
पहाड़
जिसके
द्वारा
सारी
पृथ्वी
नाश
हुई
है,
यहोवा
की
यह
वाणी
है
कि
मैं
तेरे
विरुद्ध
हूँ
और
हाथ
बढ़ा
कर
तुझे
ढांगों
पर
से
लुढ़का
दूंगा
और
जला
हुआ
पहाड़
बनाऊंगा।
26
लोग
तुझ
से
न
तो
घर
के
कोने
के
लिये
पत्थर
लेंगे,
और
न
नेव
के
लिये,
क्योंकि
तू
सदा
उजाड़
रहेगा,
यहोवा
की
यही
वाणी
है।
27
देश
में
झण्डा
खड़ा
करो,
जाति
जाति
में
नरसिंगा
फूंको
;
उसके
विरुद्ध
जाति
जाति
को
तैयार
करो;
अरारात,
मिन्नी
और
अश्कनज
नाम
राज्यों
को
उसके
विरुद्ध
बुलाओ,
उसके
विरुद्ध
सेनापति
भी
ठहराओ;
घोड़ों
को
शिखर
वाली
टिड्डियों
के
समान
अनगिनित
चढ़ा
ले
आओ।
28
उसके
विरुद्ध
जातियों
को
तैयार
करो;
मादी
राजाओं
को
उनके
अधिपतियों
सब
हाकिमों
सहित
और
उस
राज्य
के
सारे
देश
को
तैयार
करो।
29
यहोवा
ने
विचारा
है
कि
वह
बाबुल
के
देश
को
ऐसा
उजाड़
करे
कि
उस
में
कोई
भी
न
रहे;
इसलिये
पृथ्वी
कांपती
है
और
दु:खित
होती
है
30
बाबुल
के
शूरवीर
गढ़ों
में
रहकर
लड़ने
से
इनकार
करते
हैं,
उनकी
वीरता
जाती
रही
है;
और
यह
देख
कर
कि
उनके
वासस्थानों
में
आग
लग
गई
वे
स्त्री
बन
गए
हैं;
उसके
फाटकों
के
बेण्डे
तोड़े
गए
हैं।
31
एक
हरकारा
दूसरे
हरकारे
से
और
एक
समाचार
देने
वाला
दूसरे
समाचार
देने
वाले
से
मिलने
और
बाबुल
के
राजा
को
यह
समाचार
देने
के
लिये
दौड़ेगा
कि
तेरा
नगर
चारों
ओर
से
ले
लिया
गया
है;
32
और
घाट
शत्रुओं
के
वश
में
हो
गए
हैं,
ताल
भी
सुखाये
गए,
ओर
योद्धा
घबरा
उठे
हैं।
33
क्योंकि
इस्राएल
का
परमेश्वर,
सेनाओं
का
यहोवा
यों
कहता
है:
बाबुल
की
बेटी
दांवते
समय
के
खलिहान
के
समान
है,
थोड़े
ही
दिनों
में
उसकी
कटनी
का
समय
आएगा।
34
बाबुल
के
राजा
नबूकदनेस्सर
ने
मुझ
को
खा
लिया,
मुझ
को
पीस
डाला;
उसने
मुझे
छूछे
बर्तन
के
समान
कर
दिया,
उसने
मगरमच्छ
की
नाईं
मुझ
को
निगल
लिया
है;
और
मुझ
को
स्वादिष्ट
भोजन
जान
कर
अपना
पेट
मुझ
से
भर
लिया
है,
उसने
मुझ
को
बरबस
निकाल
दिया
हे।
35
सिय्योन
की
रहने
वाली
कहेगी,
कि
जो
उपद्रव
मुझ
पर
और
मेरे
शरीर
पर
हुआ
है,
वह
बाबुल
पर
पलट
जाए।
और
यरूशलेम
कहेगी
कि
मुझ
में
की
हुई
हत्याओं
का
दोष
कसदियों
के
देश
के
रहने
वालों
पर
लगे।
36
इसलिये
यहोवा
कहता
है,
मैं
तेरा
मुक़द्दमा
लड़ूंगा
और
तेरा
बदला
लूंगा।
मैं
उसके
ताल
को
और
उसके
सोतों
को
सुखा
दूंगा;
37
और
बाबुल
खण्डहर,
और
गीदड़ों
का
वासस्थान
होगा;
और
लोग
उसे
देख
कर
चकित
होंगे
और
ताली
बजाएंगे,
और
उस
में
कोई
न
रहेगा।
38
लोग
एक
संग
ऐसे
गरजेंगे
और
गुर्राएंगे,
जैसे
युवा
सिंह
व
सिंह
के
बच्चे
आहेर
पर
करते
हैं।
39
परन्तु
जब
जब
वे
उत्तेजित
हों,
तब
मैं
जेवनार
तैयार
कर
के
उन्हें
ऐसा
मतवाला
करूंगा,
कि
वे
हुलसकर
सदा
की
नींद
में
पड़ेंगे
और
कभी
न
जागेंगे,
यहोवा
की
यही
वाणी
है।
40
मैं
उन
को,
भेड़ों
के
बच्चों,
और
मेढ़ों
और
बकरों
की
नाईं
घात
करा
दूंगा।
41
शेशक,
जिसकी
प्रशंसा
सारे
पृथ्वी
पर
होती
थी
कैसे
ले
लिया
गया?
वह
कैसे
पकड़ा
गया?
बाबुल
जातियों
के
बीच
कैसे
सुनसान
हो
गया
है?
42
बाबुल
के
ऊपर
समुद्र
चढ़
आया
है,
वह
उसकी
बहुत
सी
लहरों
में
डूब
गया
है।
43
उसके
नगर
उजड़
गए,
उसका
देश
निर्जन
और
निर्जल
हो
गया
है,
उस
में
कोई
मनुष्य
नहीं
रहता,
और
उस
से
हो
कर
कोई
आदमी
नहीं
चलता।
44
मैं
बाबुल
में
बेल
को
दण्ड
दूंगा,
और
उसने
जो
कुछ
निगल
लिया
है,
वह
उसके
मुंह
से
उगलवाऊंगा।
जातियों
के
लोग
फिर
उसकी
ओर
तांता
बान्धे
हुए
न
चलेंगे;
बाबुल
की
शहरपनाह
गिराई
जाएगी।
45
हे
मेरी
प्रजा,
उस
में
से
निकल
आओ!
अपने
अपने
प्राण
को
यहोवा
के
भड़के
हुए
कोप
से
बचाओ!
46
जब
उड़ती
हुई
बात
उस
देश
में
सुनी
जाए,
तब
तुम्हारा
मन
न
घबराए;
और
जो
उड़ती
हुई
चर्चा
पृथ्वी
पर
सुनी
जाएगी
तुम
उस
से
न
डरना:
उसके
एक
वर्ष
बाद
एक
और
बात
उड़ती
हुई
आएगी,
तब
उसके
बाद
दूसरे
वर्ष
में
एक
और
बात
उड़ती
हुई
आएगी,
और
उस
देश
में
उपद्रव
होगा,
और
एक
हाकिम
दूसरे
के
विरुद्ध
होगा।
47
इसलिये
देख,
वे
दिन
आते
हैं
जब
मैं
बाबुल
की
खुदी
हुई
मूरतों
पर
दण्ड
की
आज्ञा
करूंगा;
उस
सारे
देश
के
लोगों
का
मुंह
काला
हो
जाएगा,
और
उसके
सब
मारे
हुए
लोग
उसी
में
पड़े
रहेंगे।
48
तब
स्वर्ग
और
पृथ्वी
के
सारे
निवासी
बाबुल
पर
जयजयकार
करेंगे;
क्योंकि
उत्तर
दिशा
से
नाश
करने
वाले
उस
पर
चढ़ाई
करेंगे,
यहोवा
की
यही
वाणी
है।
49
जैसे
बाबुल
ने
इस्राएल
के
लोगों
को
मारा,
वैसे
ही
सारे
देश
के
लोग
उसी
में
मार
डाले
जाएंगे।
50
हे
तलवार
से
बचे
हुओ,
भागो,
खड़े
मत
रहो!
यहोवा
को
दूर
से
स्मरण
करो,
और
यरूशलेम
की
भी
सुधि
लो:
51
हम
व्याकुल
हैं,
क्योंकि
हम
ने
अपनी
नामधराई
सुनी
है;
यहोवा
के
पवित्र
भवन
में
विधमीं
घुस
आए
हैं,
इस
कारण
हम
लज्जित
हैं।
52
सो
देखो,
यहोवा
की
यह
वाणी
है,
ऐसे
दिन
आने
वाले
हैं
कि
मैं
उसकी
खुदी
हुई
मूरतों
पर
दण्ड
भेजूंगा,
और
उसके
सारे
देश
में
लोग
घायल
हो
कर
कराहते
रहेंगे।
53
चाहे
बाबुल
ऐसा
ऊंचा
बन
जाए
कि
आकाश
से
बातें
करे
और
उसके
ऊंचे
गढ़
और
भी
दृढ़
किए
जाएं,
तौभी
मैं
उसे
नाश
करने
के
लिये,
लोगों
को
भेजूंगा,
यहोवा
की
यह
वाणी
है।
54
बाबुल
से
चिल्लाहट
का
शब्द
सुनाई
पड़ता
है!
कसदियों
के
देश
से
सत्यानाश
का
बड़ा
कोलाहल
सुनाई
देता
है।
55
क्योंकि
यहोवा
बाबुल
को
नाश
कर
रहा
है
और
उसके
बड़े
कोलाहल
को
बन्द
कर
रहा
है।
इस
से
उनका
कोलाहल
महासागर
का
सा
सुनाई
देता
है।
56
बाबुल
पर
भी
नाश
करने
वाले
चढ़
आए
हैं,
और
उसके
शूरवीर
पकड़े
गए
हैं
और
उनके
धनुष
तोड़
डाले
गए;
क्योंकि
यहोवा
बदला
देने
वाला
परमेश्वर
है,
वह
अवश्य
ही
बदला
लेगा।
57
मैं
उसके
हाकिमों,
पण्डितों,
अधिपतियों,
रईसों,
और
शूरवीरों
को
ऐसा
मतवाला
करूंगा
कि
वे
सदा
की
नींद
में
पड़ेंगे
और
फिर
न
जागेंगे,
सेनाओं
के
यहोवा,
जिसका
नाम
राजाधिराज
है,
उसकी
यही
वाणी
है
58
सेनाओं
का
यहोवा
यों
भी
कहता
है,
बाबुल
की
चौड़ी
शहरपनाह
नेव
से
ढाई
जाएगी,
और
उसके
ऊंचे
फाटक
आग
लगाकर
जलाए
जाएंगे।
और
उस
में
राज्य
राज्य
के
लोगों
का
परिश्रम
व्यर्थ
ठहरेगा,
और
जातियों
का
परिश्रम
आग
का
कौर
हो
जाएगा
और
वे
थक
जाएंगे।
59
यहूदा
के
राजा
सिदकिय्याह
के
राज्य
के
चौथे
वर्ष
में
जब
उसके
साथ
सरायाह
भी
बाबुल
को
गया
था,
जो
नेरिय्याह
का
पुत्र
और
महसेयाह
का
पोता
और
राजभवन
का
अधिकारी
भी
था,
60
तब
यिर्मयाह
भविष्यद्वक्ता
ने
उसको
ये
बातें
बताई
अर्थात
वे
सब
बातें
जो
बाबुल
पर
पड़ने
वाली
विपत्ति
के
विषय
लिखी
हुई
हैं,
उन्हें
यिर्मयाह
ने
पुस्तक
में
लिख
दिया।
61
और
यिर्मयाह
ने
सरायाह
से
कहा,
जब
तू
बाबुल
में
पहुंचे,
तब
अवश्य
ही
ये
सब
वचन
पढ़ना,
62
और
यह
कहना,
हे
यहोवा
तू
ने
तो
इस
स्थान
के
विषय
में
यह
कहा
है
कि
मैं
इसे
ऐसा
मिटा
दूंगा
कि
इस
में
क्या
मनुष्य,
क्या
पशु,
कोई
भी
न
रहेगा,
वरन
यह
सदा
उजाड़
पड़ा
रहेगा।
63
और
जब
तू
इस
पुस्तक
को
पढ़
चुके,
तब
इसे
एक
पत्थर
के
संग
बान्धकर
परात
महानद
के
बीच
में
फेंक
देना,
64
और
यह
कहना,
यों
ही
बाबुल
डूब
जाएगा
और
मैं
उस
पर
ऐसी
विपत्ति
डालूंगा
कि
वह
फिर
कभी
न
उठेगा।
यों
उसका
सारा
परिश्रम
व्यर्थ
ही
ठहरेगा
और
वे
थके
रहेंगे।
यहां
तक
यिर्मयाह
के
वचन
हैं।
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