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योएल
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ओबद्दाह
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मीका
नहूम
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मत्ती
मरकुस
लूका
यूहन्ना
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रोमियो
1 कुरिन्थियों
2 कुरिन्थियों
गलातियों
इफिसियों
फिलिप्पियों
कुलुस्सियों
1 थिस्सलुनीकियों
2 थिस्सलुनीकियों
1 तीमुथियुस
2 तीमुथियुस
तीतुस
फिलेमोन
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लैव्यवस्था 26:9
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लैव्यवस्था 26:9 (07 11 am)
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लैव्यवस्था 26:9
1
तुम
अपने
लिये
मूरतें
न
बनाना,
और
न
कोई
खुदी
हुई
मूर्ति
वा
लाट
अपने
लिये
खड़ी
करना,
और
न
अपने
देश
में
दण्डवत
करने
के
लिये
नक्काशीदार
पत्थर
स्थापन
करना;
क्योंकि
मैं
तुम्हारा
परमेश्वर
यहोवा
हूं।
2
तुम
मेरे
विश्राम
दिनों
का
पालन
करना
और
मेरे
पवित्रस्थान
का
भय
मानना;
मैं
यहोवा
हूं॥
3
यदि
तुम
मेरी
विधियों
पर
चलो
और
मेरी
आज्ञाओं
को
मानकर
उनका
पालन
करो,
4
तो
मैं
तुम्हारे
लिये
समय
समय
पर
मेंह
बरसाऊंगा,
तथा
भूमि
अपनी
उपज
उपजाएगी,
और
मैदान
के
वृक्ष
अपने
अपने
फल
दिया
करेंगे;
5
यहां
तक
कि
तुम
दाख
तोड़ने
के
समय
भी
दावनी
करते
रहोगे,
और
बोने
के
समय
भी
भर
पेट
दाख
तोड़ते
रहोगे,
और
तुम
मनमानी
रोटी
खाया
करोगे,
और
अपने
देश
में
निश्चिन्त
बसे
रहोगे।
6
और
मैं
तुम्हारे
देश
में
सुख
चैन
दूंगा,
और
तुम
सोओगे
और
तुम्हारा
कोई
डराने
वाला
न
हो;
और
मैं
उस
देश
में
दुष्ट
जन्तुओं
को
न
रहने
दूंगा,
और
तलवार
तुम्हारे
देश
में
न
चलेगी।
7
और
तुम
अपने
शत्रुओं
को
मार
भगा
दोगे,
और
वे
तुम्हारी
तलवार
से
मारे
जाएंगे।
8
और
तुम
में
से
पांच
मनुष्य
सौ
को
और
सौ
मनुष्य
दस
हजार
को
खदेड़ेंगे;
और
तुम्हारे
शत्रु
तलवार
से
तुम्हारे
आगे
आगे
मारे
जाएंगे;
9
और
मैं
तुम्हारी
ओर
कृपा
दृष्टि
रखूंगा
और
तुम
को
फलवन्त
करूंगा
और
बढ़ाऊंगा,
और
तुम्हारे
संग
अपनी
वाचा
को
पूर्ण
करूंगा।
10
और
तुम
रखे
हुए
पुराने
अनाज
को
खाओगे,
और
नये
के
रहते
भी
पुराने
को
निकालोगे।
11
और
मैं
तुम्हारे
बीच
अपना
निवासस्थान
बनाए
रखूंगा,
और
मेरा
जी
तुम
से
घृणा
नहीं
करेगा।
12
और
मैं
तुम्हारे
मध्य
चला
फिरा
करूंगा,
और
तुम्हारा
परमेश्वर
बना
रहूंगा,
और
तुम
मेरी
प्रजा
बने
रहोगे।
13
मैं
तो
तुम्हारा
वह
परमेश्वर
यहोवा
हूं,
जो
तुम
को
मिस्र
देश
से
इसलिये
निकाल
ले
आया
कि
तुम
मिस्रियों
के
दास
न
बने
रहो;
और
मैं
ने
तुम्हारे
जूए
को
तोड़
डाला
है,
और
तुम
को
सीधा
खड़ा
करके
चलाया
है॥
14
यदि
तुम
मेरी
न
सुनोगे,
और
इन
सब
आज्ञाओं
को
न
मानोगे,
15
और
मेरी
विधियों
को
निकम्मा
जानोगे,
और
तुम्हारी
आत्मा
मेरे
निर्णयों
से
घृणा
करे,
और
तुम
मेरी
सब
आज्ञाओं
का
पालन
न
करोगे,
वरन
मेरी
वाचा
को
तोड़ोगे,
16
तो
मैं
तुम
से
यह
करूंगा;
अर्थात
मैं
तुम
को
बेचैन
करूंगा,
और
क्षयरोग
और
ज्वर
से
पीड़ित
करूंगा,
और
इनके
कारण
तुम्हारी
आंखे
धुंधली
हो
जाएंगी,
और
तुम्हारा
मन
अति
उदास
होगा।
और
तुम्हारा
बीच
बोना
व्यर्थ
होगा,
क्योंकि
तुम्हारे
शत्रु
उसकी
उपज
खा
लेंगे;
17
और
मैं
भी
तुम्हारे
विरुद्ध
हो
जाऊंगा,
और
तुम
अपने
शत्रुओं
से
हार
जाओगे;
और
तुम्हारे
बैरी
तुम्हारे
ऊपर
अधिकार
करेंगे,
और
जब
कोई
तुम
को
खदेड़ता
भी
न
होगा
तब
भी
तुम
भागोगे।
18
और
यदि
तुम
इन
बातों
के
उपरान्त
भी
मेरी
न
सुनो,
तो
मैं
तुम्हारे
पापों
के
कारण
तुम्हें
सातगुणी
ताड़ना
और
दूंगा,
19
और
मैं
तुम्हारे
बल
का
घमण्ड
तोड़
डालूंगा,
और
तुम्हारे
लिये
आकाश
को
मानो
लोहे
का
और
भूमि
को
मानो
पीतल
की
बना
दूंगा;
20
और
तुम्हारा
बल
अकारथ
गंवाया
जाएगा,
क्योंकि
तुम्हारी
भूमि
अपनी
उपज
न
उपजाएगी,
और
मैदान
के
वृक्ष
अपने
फल
न
देंगे।
21
और
यदि
तुम
मेरे
विरुद्ध
चलते
ही
रहो,
और
मेरा
कहना
न
मानों,
तो
मैं
तुम्हारे
पापों
के
अनुसार
तुम्हारे
ऊपर
और
सातगुणा
संकट
डालूंगा।
22
और
मैं
तुम्हारे
बीच
बन
पशु
भेजूंगा,
जो
तुम
को
निर्वंश
करेंगे,
और
तुम्हारे
घरेलू
पशुओं
को
नाश
कर
डालेंगे,
और
तुम्हारी
गिनती
घटाएंगे,
जिस
से
तुम्हारी
सड़कें
सूनी
पड़
जाएंगी।
23
फिर
यदि
तुम
इन
बातों
पर
भी
मेरी
ताड़ना
से
न
सुधरो,
और
मेरे
विरुद्ध
चलते
ही
रहो,
24
तो
मैं
भी
तुम्हारे
विरुद्ध
चलूंगा,
और
तुम्हारे
पापों
के
कारण
मैं
आप
ही
तुम
को
सातगुणा
मारूंगा।
25
तो
मैं
तुम
पर
एक
ऐसी
तलवार
चलवाऊंगा,
जो
वाचा
तोड़ने
का
पूरा
पूरा
पलटा
लेगी;
और
जब
तुम
अपने
नगरों
में
जा
जा
कर
इकट्ठे
होगे
तब
मैं
तुम्हारे
बीच
मरी
फैलाऊंगा,
और
तुम
अपने
शत्रुओं
के
वश
में
सौंप
दिए
जाओगे।
26
और
जब
मैं
तुम्हारे
लिये
अन्न
के
आधार
को
दूर
कर
डालूंगा,
तब
दस
स्त्रियां
तुम्हारी
रोटी
एक
ही
तंदूर
में
पकाकर
तौल
तौलकर
बांट
देंगी;
और
तुम
खाकर
भी
तृप्त
न
होगे॥
27
फिर
यदि
तुम
इसके
उपरान्त
भी
मेरी
न
सुनोगे,
और
मेरे
विरुद्ध
चलते
ही
रहोगे,
28
तो
मैं
अपने
न्याय
में
तुम्हारे
विरुद्ध
चलूंगा,
और
तुम्हारे
पापों
के
कारण
तुम
को
सातगुणी
ताड़ना
और
भी
दूंगा।
29
और
तुम
को
अपने
बेटों
और
बेटियों
का
मांस
खाना
पड़ेगा।
30
और
मैं
तुम्हारे
पूजा
के
ऊंचे
स्थानों
को
ढा
दूंगा,
और
तुम्हारे
सूर्य
की
प्रतिमाएं
तोड़
डालूंगा,
और
तुम्हारी
लोथों
को
तुम्हारी
तोड़ी
हुई
मूरतों
पर
फूंक
दूंगा;
और
मेरी
आत्मा
को
तुम
से
घृणा
हो
जाएगी।
31
और
मैं
तुम्हारे
नगरों
को
उजाड़
दूंगा,
और
तुम्हारे
पवित्र
स्थानों
को
उजाड़
दूंगा,
और
तुम्हारा
सुखदायक
सुगन्ध
ग्रहण
न
करूंगा।
32
और
मैं
तुम्हारे
देश
को
सूना
कर
दूंगा,
और
तुम्हारे
शत्रु
जो
उस
में
रहते
हैं
वे
इन
बातों
के
कारण
चकित
होंगे।
33
और
मैं
तुम
को
जाति
जाति
के
बीच
तित्तर-बित्तर
करूंगा,
और
तुम्हारे
पीछे
पीछे
तलवार
खीचें
रहूंगा;
और
तुम्हारा
देश
सूना
हो
जाएगा,
और
तुम्हारे
नगर
उजाड़
हो
जाएंगे।
34
तब
जितने
दिन
वह
देश
सूना
पड़ा
रहेगा
और
तुम
अपने
शत्रुओं
के
देश
में
रहोगे
उतने
दिन
वह
अपने
विश्रामकालों
को
मानता
रहेगा।
35
और
जितने
दिन
वह
सूना
पड़ा
रहेगा
उतने
दिन
उसको
विश्राम
रहेगा,
अर्थात
जो
विश्राम
उसको
तुम्हारे
वहां
बसे
रहने
के
समय
तुम्हारे
विश्रामकालों
में
न
मिला
होगा
वह
उसको
तब
मिलेगा।
36
और
तुम
में
से
जो
बच
रहेंगे
और
अपने
शत्रुओं
के
देश
में
होंगे
उनके
हृदय
में
मैं
कायरता
उपजाऊंगा;
और
वे
पत्ते
के
खड़कने
से
भी
भाग
जाएंगे,
और
वे
ऐसे
भागेंगे
जैसे
कोई
तलवार
से
भागे,
और
किसी
के
बिना
पीछा
किए
भी
वे
गिर
गिर
पड़ेंगे।
37
और
जब
कोई
पीछा
करने
वाला
न
हो
तब
भी
मानों
तलवार
के
भय
से
वे
एक
दूसरे
से
ठोकर
खाकर
गिरते
जाएंगे,
और
तुम
को
अपने
शत्रुओं
के
साम्हने
ठहरने
की
कुछ
शक्ति
न
होगी।
38
तब
तुम
जाति
जाति
के
बीच
पहुंचकर
नाश
हो
जाओगे,
और
तुम्हारे
शत्रुओं
की
भूमि
तुम
को
खा
जाएगी।
39
और
तुम
में
से
जो
बचे
रहेंगे
वे
अपने
शत्रुओं
के
देशों
में
अपने
अधर्म
के
कारण
गल
जाएंगे;
और
अपने
पुरखाओं
के
अधर्म
के
कामों
के
कारण
भी
वे
उन्हीं
की
नाईं
गल
जाएंगे।
40
तब
वे
अपने
और
अपने
पितरों
के
अधर्म
को
मान
लेंगे,
अर्थात
उस
विश्वासघात
को
जो
वे
मेरा
करेंगे,
और
यह
भी
मान
लेंगे,
कि
हम
यहोवा
के
विरुद्ध
चले
थे,
41
इसी
कारण
वह
हमारे
विरुद्ध
हो
कर
हमें
शत्रुओं
के
देश
में
ले
आया
है।
यदि
उस
समय
उनका
खतनारहित
हृदय
दब
जाएगा
और
वे
उस
समय
अपने
अधर्म
के
दण्ड
को
अंगीकार
करेगें;
42
तब
जो
वाचा
मैं
ने
याकूब
के
संग
बान्धी
थी
उसको
मैं
स्मरण
करूंगा,
और
जो
वाचा
मैं
ने
इसहाक
से
और
जो
वाचा
मैं
ने
इब्राहीम
से
बान्धी
थी
उन
को
भी
स्मरण
करूंगा,
और
इस
देश
को
भी
मैं
स्मरण
करूंगा।
43
और
वह
देश
उन
से
रहित
हो
कर
सूना
पड़ा
रहेगा,
और
उनके
बिना
सूना
रहकर
भी
अपने
विश्रामकालों
को
मानता
रहेगा;
और
वे
लोग
अपने
अधर्म
के
दण्ड
को
अंगीकार
करेगें,
इसी
कारण
से
कि
उन्होंने
मेरी
आज्ञाओं
का
उलंघन
किया
था,
और
उनकी
आत्माओं
को
मेरी
विधियों
से
घृणा
थी।
44
इतने
पर
भी
जब
वे
अपने
शत्रुओं
के
देश
में
होंगे,
तब
मैं
उन
को
इस
प्रकार
नहीं
छोडूंगा,
और
न
उन
से
ऐसी
घृणा
करूंगा
कि
उनका
सर्वनाश
कर
डालूं
और
अपनी
उस
वाचा
को
तोड़
दूं
जो
मैं
ने
उन
से
बान्धी
है;
क्योंकि
मैं
उनका
परमेश्वर
यहोवा
हूं;
45
परन्तु
मैं
उनके
भलाई
के
लिये
उनके
पितरों
से
बान्धी
हुई
वाचा
को
स्मरण
करूंगा,
जिन्हें
मैं
अन्यजातियों
की
आंखों
के
साम्हने
मिस्र
देश
से
निकाल
कर
लाया
कि
मैं
उनका
परमेश्वर
ठहरूं;
मैं
यहोवा
हूं॥
46
जो
जो
विधियां
और
नियम
और
व्यवस्था
यहोवा
ने
अपनी
ओर
से
इस्त्राएलियों
के
लिये
सीनै
पर्वत
पर
मूसा
के
द्वारा
ठहराई
थीं
वे
ये
ही
हैं॥
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