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उत्पत्ति 12:1
उत्पत्ति
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यहोशू
न्यायियों
रूत
1 शमूएल
2 शमूएल
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योना
मीका
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हाग्गै
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मलाकी
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उत्पत्ति 12:1 (05 17 pm)
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उत्पत्ति 12:1
1
यहोवा
ने
अब्राम
से
कहा,
अपने
देश,
और
अपनी
जन्मभूमि,
और
अपने
पिता
के
घर
को
छोड़कर
उस
देश
में
चला
जा
जो
मैं
तुझे
दिखाऊंगा।
2
और
मैं
तुझ
से
एक
बड़ी
जाति
बनाऊंगा,
और
तुझे
आशीष
दूंगा,
और
तेरा
नाम
बड़ा
करूंगा,
और
तू
आशीष
का
मूल
होगा।
3
और
जो
तुझे
आशीर्वाद
दें,
उन्हें
मैं
आशीष
दूंगा;
और
जो
तुझे
कोसे,
उसे
मैं
शाप
दूंगा;
और
भूमण्डल
के
सारे
कुल
तेरे
द्वारा
आशीष
पाएंगे।
4
यहोवा
के
इस
वचन
के
अनुसार
अब्राम
चला;
और
लूत
भी
उसके
संग
चला;
और
जब
अब्राम
हारान
देश
से
निकला
उस
समय
वह
पचहत्तर
वर्ष
का
था।
5
सो
अब्राम
अपनी
पत्नी
सारै,
और
अपने
भतीजे
लूत
को,
और
जो
धन
उन्होंने
इकट्ठा
किया
था,
और
जो
प्राणी
उन्होंने
हारान
में
प्राप्त
किए
थे,
सब
को
ले
कर
कनान
देश
में
जाने
को
निकल
चला;
और
वे
कनान
देश
में
आ
भी
गए।
6
उस
देश
के
बीच
से
जाते
हुए
अब्राम
शकेम
में,
जहां
मोरे
का
बांज
वृक्ष
है,
पंहुचा;
उस
समय
उस
देश
में
कनानी
लोग
रहते
थे।
7
तब
यहोवा
ने
अब्राम
को
दर्शन
देकर
कहा,
यह
देश
मैं
तेरे
वंश
को
दूंगा:
और
उसने
वहां
यहोवा
के
लिये
जिसने
उसे
दर्शन
दिया
था,
एक
वेदी
बनाई।
8
फिर
वहां
से
कूच
करके,
वह
उस
पहाड़
पर
आया,
जो
बेतेल
के
पूर्व
की
ओर
है;
और
अपना
तम्बू
उस
स्थान
में
खड़ा
किया
जिसकी
पच्छिम
की
ओर
तो
बेतेल,
और
पूर्व
की
ओर
ऐ
है;
और
वहां
भी
उसने
यहोवा
के
लिये
एक
वेदी
बनाई:
और
यहोवा
से
प्रार्थना
की
9
और
अब्राम
कूच
करके
दक्खिन
देश
की
ओर
चला
गया॥
10
और
उस
देश
में
अकाल
पड़ा:
और
अब्राम
मिस्र
देश
को
चला
गया
कि
वहां
परदेशी
हो
कर
रहे
--
क्योंकि
देश
में
भयंकर
अकाल
पड़ा
था।
11
फिर
ऐसा
हुआ
कि
मिस्र
के
निकट
पहुंचकर,
उसने
अपनी
पत्नी
सारै
से
कहा,
सुन,
मुझे
मालूम
है,
कि
तू
एक
सुन्दर
स्त्री
है:
12
इस
कारण
जब
मिस्री
तुझे
देखेंगे,
तब
कहेंगे,
यह
उसकी
पत्नी
है,
सो
वे
मुझ
को
तो
मार
डालेंगे,
पर
तुझ
को
जीती
रख
लेंगे।
13
सो
यह
कहना,
कि
मैं
उसकी
बहिन
हूं;
जिस
से
तेरे
कारण
मेरा
कल्याण
हो
और
मेरा
प्राण
तेरे
कारण
बचे।
14
फिर
ऐसा
हुआ
कि
जब
अब्राम
मिस्र
में
आया,
तब
मिस्रियों
ने
उसकी
पत्नी
को
देखा
कि
यह
अति
सुन्दर
है।
15
और
फिरौन
के
हाकिमों
ने
उसको
देखकर
फिरौन
के
साम्हने
उसकी
प्रशंसा
की:
सो
वह
स्त्री
फिरौन
के
घर
में
रखी
गई।
16
और
उसने
उसके
कारण
अब्राम
की
भलाई
की;
सो
उसको
भेड़-बकरी,
गाय-बैल,
दास-दासियां,
गदहे-गदहियां,
और
ऊंट
मिले।
17
तब
यहोवा
ने
फिरौन
और
उसके
घराने
पर,
अब्राम
की
पत्नी
सारै
के
कारण
बड़ी
बड़ी
विपत्तियां
डालीं।
18
सो
फिरौन
ने
अब्राम
को
बुलवा
कर
कहा,
तू
ने
मुझ
से
क्या
किया
है?
तू
ने
मुझे
क्यों
नहीं
बताया
कि
वह
तेरी
पत्नी
है?
19
तू
ने
क्यों
कहा,
कि
वह
तेरी
बहिन
है?
मैं
ने
उसे
अपनी
ही
पत्नी
बनाने
के
लिये
लिया;
परन्तु
अब
अपनी
पत्नी
को
ले
कर
यहां
से
चला
जा।
20
और
फिरौन
ने
अपने
आदमियों
को
उसके
विषय
में
आज्ञा
दी
और
उन्होंने
उसको
और
उसकी
पत्नी
को,
सब
सम्पत्ति
समेत
जो
उसका
था,
विदा
कर
दिया॥
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