पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता 81:1

Notes

No Verse Added

भजन संहिता 81:1

1
परमेश्वर जो हमारा बल है, उसका गीत आनन्द से गाओ; याकूब के परमेश्वर का जयजयकार करो!
2
भजन उठाओ, डफ और मधुर बजने वाली वीणा और सारंगी को ले आओ।
3
नये चाँद के दिन, और पूर्णमासी को हमारे पर्व के दिन नरसिंगा फूंको।
4
क्योंकि यह इस्त्राएल के लिये विधि, और याकूब के परमेश्वर का ठहराया हुआ नियम है।
5
इस को उसने यूसुफ में चितौनी की रीति पर उस समय चलाया, जब वह मिस्त्र देश के विरुद्ध चला॥ वहां मैं ने एक अनजानी भाषा सुनी;
6
मैं ने उनके कन्धों पर से बोझ को उतार दिया; उनका टोकरी ढोना छुट गया।
7
तू ने संकट में पड़ कर पुकारा, तब मैं ने तुझे छुड़ाया; बादल गरजने के गुप्त स्थान में से मैं ने तेरी सुनी, और मरीबा नाम सोते के पास तेरी परीक्षा की। (सेला)
8
हे मेरी प्रजा, सुन, मैं तुझे चिता देता हूं! हे इस्त्राएल भला हो कि तू मेरी सुने!
9
तेरे बीच में पराया ईश्वर हो; और तू किसी पराए देवता को दणडवत करना!
10
तेरा परमेश्वर यहोवा मैं हूं, जो तुझे मिस्त्र देश से निकाल लाया है। तू अपना मुंह पसार, मैं उसे भर दूंगा॥
11
परन्तु मेरी प्रजा ने मेरी सुनी; इस्त्राएल ने मुझ को चाहा।
12
इसलिये मैं ने उसको उसके मन के हठ पर छोड़ दिया, कि वह अपनी ही युक्तियों के अनुसार चले।
13
यदि मेरी प्रजा मेरी सुने, यदि इस्त्राएल मेरे मार्गों पर चले,
14
तो क्षण भर में उनके शत्रुओं को दबाऊं, और अपना हाथ उनके द्रोहियों के विरुद्ध चलाऊं।
15
यहोवा के बैरी तो उस के वश में हो जाते, और उनका अन्त सदाकाल तक बना रहता हैं।
16
और उनको उत्तम से उत्तम गेहूं खिलाता, और मैं चट्टान में के मधु से उन को तृप्त करूं॥
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References